
'400 पार का नारा अधूरा, बीजेपी को इससे नुकसान हुआ', बोले प्रशांत किशोर
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बीजेपी की सीटें कम होने के कारणों का जिक्र करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा, 'जिसने भी यह '400 पार' का नारा लिखा, इस नारे में कोई बुराई नहीं है लेकिन यह अधूरा नारा है. '400 पार' तो है लेकिन किस लिए? उन्होंने इसे खुला छोड़ दिया. जैसे 2014 में नारा बना था, 'बहुत हुई महंगाई की मार, अबकी बार मोदी सरकार' तो उद्देश्य साफ था कि मोदी सरकार क्यों, क्योंकि महंगाई है.'
लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे आ चुके हैं और एनडीए गठबंधन केंद्र में 293 सीटों के साथ सरकार बनाने जा रहा है. वहीं इंडिया गठबंधन ने 234 सीटों पर जीत हासिल की है. ये आंकड़े एग्जिट पोल के नतीजों और चुनाव विश्लेषकों के अनुमान से काफी अलग हैं. इसपर इंडिया टुडे ने राजनीतिक विश्लेषक प्रशांत किशोर से बात की.
इंडिया टुडे के न्यूज डायरेक्टर राहुल कंवल और कंसल्टिंग एडिटर राजदीप सरदेसाई से बातचीत में प्रशांत किशोर ने बताया कि बीजेपी की सीटें कम होने के पीछे क्या वजहें रहीं. उन्होंने ये भी माना कि चुनाव नतीजों से जुड़ी उनकी भविष्यवाणी भी गलत साबित हुई. इस दौरान उन्होंने बीजेपी के '400 पार' के नारे का भी जिक्र किया.
'जिसने भी 400 पार का नारा लिखा...'
बीजेपी की सीटें कम होने के कारणों का जिक्र करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा, 'जिसने भी यह '400 पार' का नारा लिखा, इस नारे में कोई बुराई नहीं है लेकिन यह अधूरा नारा है. '400 पार' तो है लेकिन किस लिए? उन्होंने इसे खुला छोड़ दिया. जैसे 2014 में नारा बना था, 'बहुत हुई महंगाई की मार, अबकी बार मोदी सरकार' तो उद्देश्य साफ था कि मोदी सरकार क्यों, क्योंकि महंगाई है.'
'400 पार के नारे से हुआ नुकसान'
उन्होंने आगे कहा, 'इस बार आपने कहा '400 पार', समाज ने इसे अहंकार के तौर पर लिया जिसे विपक्ष ने भुनाया कि ये संविधान बदल देंगे. जिसने भी पार्टी का नारा लिखा उसने यह नहीं बताया कि 400 पार आखिर क्यों?' प्रशांत किशोर ने बताया कि '400 पार' के नारे से बीजेपी को हर जगह नुकसान हुआ.

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