300 डेरों में तलाशी, 80 हजार पुलिसवाले और 'मोबाइल फोन' वाला दांव... पुलिस को ऐसे चकमा दे रहा है अमृतपाल
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शह-मात के खेल बीच अमृतपाल के मोबाइल फोन वाले दांव ने पंजाब पुलिस को जोर का झटका दिया है, इससे ये एक बार फिर साबित हो गया है कि अमृतपाल के पीछे कैसे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का दिमाग काम कर रहा है.
पुलिस के साथ आंख-मिचौली खेलते खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह की फरारी को अब दो हफ्ते से ज्यादा का वक्त हो चुका है, लेकिन अमृतपाल और कानून की रेस अब भी जारी है. गिरफ्तारी तो दूर की बात पिछले कुछ दिनों में अमृतपाल ने अपने खुफिया ठिकानों से लगातार दूसरी बार वीडियो जारी कर ये बता दिया है कि पंजाब का माहौल खराब करने की कोशिश से वो इतनी आसानी से पीछे हटनेवाला नहीं है.
बल्कि वो तो अपने इन वीडियोज के जरिए लगातार ना सिर्फ लोगों को भड़काने की कोशिश कर रहा है, बल्कि खुद को भगोड़ा नहीं बल्कि बागी बता कर लोगों का समर्थन भी जुटाने में लगा है. लेकिन इसी शह-मात के खेल बीच अमृतपाल के मोबाइल फोन वाले दांव ने पंजाब पुलिस को जोर का झटका दिया है, इससे ये एक बार फिर साबित हो गया है कि अमृतपाल के पीछे कैसे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का दिमाग काम कर रहा है.
अमृतपाल का मोबाइल कांड पप्पलपीत के बाद जोगा सिंह ही वो शख्स है, जो अब तक साये की तरह अमृतपाल सिंह के साथ रहा है, ये वही जोगा सिंह है जो 18 मार्च को अमृतपाल सिंह की गाड़ी चला रहा था, जिस रोज़ वो पुलिस की आंखों में धूल झोंक कर वो फरार हुआ. उसी दिन से अमृतपाल के साथ ये किरदार भी लगातार पंजाब पुलिस की रडार पर था. कहने की जरूरत नहीं है कि पुलिस ने इन सभी लोगों के मोबाइल फोन को सर्विलांस पर ले रखा है, ताकि जैसे ही इनकी मूवमेंट क्लीयर हो, उन्हें गिरफ्तार किया जा सके. लेकिन पंजाब पुलिस की इसी रणनीति से दो कदम आगे चल कर अमृतपाल ने उसे एक बार फिर से चकमा दे दिया.
अमृतपाल का मोबाइल वाला दांव हुआ यूं कि अमृतपाल ने इस बार अपना मोबाइल फोन जोगा सिंह को दे दिया और उसे मोबाइल स्विच्ड ऑन करके ही फरार होने की सलाह दी. जोगा सिंह ने अपने आका के कहे मुताबिक ऐसा ही किया और अमृतपाल के मोबाइल फोन का पीछा करती हुई पंजाब पुलिस जोगा सिंह तक पहुंच गई. जोगा तो गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन अमृतपाल का नामो-निशान नहीं था. अमृतपाल के इस मोबाइल फोन वाले दांव से पुलिस को एक बार फिर जोर का झटका लगा.
अमृतपाल को मिला ISI का साथ असल में अमृतपाल पंजाब पुलिस के दिमाग से खेल रहा है और जानकारों की मानें तो ऐसा करना अकेले उसके बस की बात नहीं है, बल्कि उसके पीछे किसी और का दिमाग है. वैसे भी ये बात पहले ही साफ हो चुकी है कि अमृतपाल को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने भारत की फिजा खराब करने के लिए एक मोहरे की तरह यहां प्लांट किया है और फिलहाल वो ये काम बखूबी निभा रहा है.
चरणजीत की गिरफ्तारी जोगा सिंह के अलावा पुलिस ने अमृतपाल के एक और ड्राइवर चरणजीत सिंह को भी गिरफ्तार किया है. चरणजीत वही है, जो दो दिन पहले अमृतपाल और पप्पलपीत को एक इनोवा में लेकर भागने की कोशिश कर रहा था और होशियारपुर जिले के मरनियां गांव में घिर गया था. जिसके बाद पप्पलपीत और अमृतपाल के साथ वो भी गुरुद्वारे में गाड़ी छोड़कर फरार हो गया था. पुलिस के हाथ अब तक पप्पलप्रीत और अमृतपाल तक तो नहीं पहुंचे, लेकिन उसने अब चरणजीत को गिरफ्तार कर लिया है.
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