18 साल बाद याद आया दहशत का वो मंजर, उमेश पाल की तरह ही हुई थी विधायक राजू पाल की हत्या
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प्रयागराज में शुक्रवार को जिस तरह सरेआम उमेश पाल की बम और गोली से मारकर हत्या कर दी गई. इस खूनी मंजर ने 25 जनवरी साल 2005 की याद दिला दी. इसी जीटी रोड पर 25 जनवरी साल 2005 को बीएसपी के तत्कालीन विधायक राजूपाल की सरेआम गोलियों से मारकर हत्या कर दी गई थी.
प्रयागराज में शुक्रवार को रात कानून-व्यवस्था की धज्जियां उड़ गईं. राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल और उसके गनर की बेखौफ बदमाशों ने बम और गोली मारकर से हत्या कर दी. जिस तरह सरेआम उमेश पाल की हत्या की गई. इस खूनी मंजर ने 25 जनवरी साल 2005 की याद दिला दी. इसी जीटी रोड पर 25 जनवरी साल 2005 को बीएसपी के तत्कालीन विधायक राजूपाल की सरेआम गोलियों से मारकर हत्या कर दी गई थी और ठीक उसी तरह का मंजर 18 साल बाद राजूपाल की हत्या की जगह से करीब 400 मीटर की दूरी पर दिखाई दिया, जिसमें राजू पाल हत्याकांड के गवाह की गोली मारकर हत्या हुई.
2005 में धूमनगंज में हुई थी राजू पाल की हत्या
प्रयागराज के धूमनगंज इलाके के लोगों को उमेश पाल की हत्या के बाद साल 2005 के हत्याकांड का भी मंजर पूरी तरीके से याद आ गया. हालांकि तब की कानून व्यवस्था पूरी तरीके से फेल मानी जाती थी, लेकिन 18 साल बाद परिस्थितियां बदल गई और कानून व्यवस्था को लेकर सरकार अब दम भरती है, लेकिन बीच सड़क पर हुई इस हत्या के बाद प्रदेश के कानून व्यवस्था पर भी बड़ा सवाल उठने लगा है.
कौन थे उमेश पाल?
उमेश पाल प्रयागराज के धूमनगंज इलाके के रहने वाले थे और वहीं से पढ़ाई की. ग्रेजुएशन करने के बाद वकालत भी की. मौजूदा समय में वकालत करने के साथ-साथ जमीन के कारोबार का काम भी कर रहे थे. इसी जमीन के कारोबार के चलते एक समय पूजा पाल और उमेश पाल के रिश्ते में खटास भी आई थी. उमेश पाल, राजू पाल की रिश्तेदारी में आते थे, लेकिन उमेश लोगों की निगाह में राजू पाल की हत्या के बाद आए क्योंकि इस हत्याकांड में उमेश पाल मुख्य गवाह के तौर पर जाने जाते थे.
ऐसा कहा जाता है कि बाहुबली अतीक अहमद और अतीक के छोटे भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ और उनके कई साथियों पर राजू पाल के हत्या का इल्जाम लगा था, जिसकी सीबीआई जांच कर रही है. राजू पाल हत्याकांड से जुड़े होने की वजह से उमेश पाल को कई बार जान से मारने की धमकी भी मिली थी, जिसका आरोप अतीक अहमद पर ही लगता रहा है. यही नहीं बाहुबली अतीक अहमद पर उमेश पाल को अपहरण करने और जान से मारने की धमकी का भी आरोप लग चुका है. इसी मामले की सुनवाई शुक्रवार को हुई थी.
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