
17 साल बाद बांग्लादेश लौटे तारिक रहमान भारत के लिए अच्छे होंगे या बुरे? देखें
AajTak
आज अटल जी की 101वीं जयंती के दिन हम सबको बांग्लादेश की राजनीति में आने वाले नए बदलाव पर ध्यान देना जरूरी है क्योंकि 17 साल बाद तारिक रहमान अपने परिवार के साथ लंदन से बांग्लादेश लौट चुके हैं. रहमान खालिदा जिया के बेटे हैं और लंबे समय से राजनीतिक भूइंडोल में रहे हैं. 2008 में भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के आरोपों के बाद वह लंदन चले गए थे, लेकिन अब वह प्रधानमंत्री पद के मजबूत दावेदार बनकर उभरे हैं. उनकी वापसी बांग्लादेश की राजनीति में एक नया मोड़ लेकर आएगी.

तारिक की बांग्लादेश वापसी में खास प्रतीकात्मकता थी. जब वो ढाका एयरपोर्ट से बाहर आए तो उन्होंने जूते उतारकर थोड़ी देर के लिए जमीन पर खड़े हुए और हाथ में मिट्टी उठाई . ये असल में अपने देश के प्रति सम्मान दिखाने का तरीका था. उन्होंने रिसेप्शन में साधारण प्लास्टिक की कुर्सी को चुना और विशेष कुर्सी हटा दी, जो पिछले समय के भव्यता और 'सिंहासन मानसिकता' से दूरी दिखाता है.

गुजरात में 1474 के युद्ध में तीतर की रक्षा के लिए राजपूतों, ब्राह्मणों, ग्वालों और हरिजनों की एकजुट सेना ने चाबड़ जनजाति के शिकारीयों से लड़ाई लड़ी, जिसमें 140 से 200 लोग मारे गए. यह घटना भारतीय सभ्यता में शरण देने और अभयदान की परंपरा को दिखाती है. बांग्लादेश जो बार-बार हसीना को सौंपने की मांग कर रहा है, उसे भारत के इतिहास के बारे में थोड़ी जानकारी ले लेनी चाहिए.

खालिदा जिया के बेटे तारिक रहमान सत्रह साल बाद बांग्लादेश लौटे हैं. वे लंबे समय तक लंदन में निर्वासित रह चुके थे और अब राजनीति में अहम भूमिका निभाने की तैयारी में हैं. तारिक ने अपनी मातृभूमि लौटकर एक बड़े जनसमूह के बीच रोड शो किया जहां लाखों कार्यकर्ताओं ने उन्हें सम्मानित किया. हाल ही में देश में राजनीतिक हलचल तेज हुई है. शेख हसीना की पार्टी चुनाव से बाहर हुई है और बीएनपी मजबूत दावेदार बनकर उभरी है.

जब पहली विश्वयुद्ध में 1914 के क्रिस्मस के दौरान ब्रिटिश और जर्मन सैनिकों ने बिना किसी आदेश के संघर्ष विराम किया था, यह घटना युद्ध के बीच मानवता और शांति की मिसाल बनी. उस समय ट्रेंच युद्ध में सैनिक एक-दूसरे से दूर और भयभीत थे. लेकिन क्रिस्मस की रात को दोनों ओर से गाने और जश्न के बीच सैनिकों ने एक-दूसरे से हाथ मिलाया, मृत साथियों को सम्मान दिया और फुटबॉल भी खेला.









