
14 फरवरी को अब नहीं मनेगा 'काउ हग डे', सरकार ने वापस ली अपील
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एनिमल वेलफेयर बोर्ड ने 6 फरवरी को जारी अपील पत्र में इसके पीछे तर्क भी दिए थे. इसमें कहा गया था कि हम सभी जानते हैं कि गाय भारतीय संस्कृति और ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ है.
एनिमल वेलफेयर बोर्ड ने ने 14 फरवरी को काउ हग डे (Cow Hug Day) के तौर पर मनाए जाने की अपील को वापस ले लिया है. इससे पहले बोर्ड ने 14 फरवरी को काउ हग डे मनाने की अपील की थी, जिसके बाद इसे मंजूरी दे दी गई थी.
आम आदमी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस जैसी कई विपक्षी पार्टियों ने 14 फरवरी को काउ हग डे के तौर पर माए जाने के फैसले का विरोध किया था. अब सरकार ने इस फैसले को वापस ले लिया है.
एनिमल वेलफेयर बोर्ड ने 6 फरवरी को जारी अपील पत्र में इसके पीछे तर्क भी दिए थे. इसमें कहा गया था कि हम सभी जानते हैं कि गाय भारतीय संस्कृति और ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ है. वह हमारे जीवन को बनाए रखती है. पशु धन और जैव विविधता का प्रतिनिधित्व करती है. मानवता को सब कुछ प्रदान करने वाली मां के समान पोषक प्रकृति के कारण इसे "कामधेनु" और "गौमाता" के रूप में जाना जाता है.

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