
12 साल के बच्चे को इस देश में सेक्स की सहमति देने का अधिकार, अब बदला जा रहा कानून
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फिलीपींस में वयस्क महिलाओं के मुकाबले बच्चों के साथ रेप की घटनाएं अधिक दर्ज की जाती हैं. हर पांच में से एक बच्चे को यहां यौन शोषण से जूझना पड़ता है.
फिलीपींस दुनिया के उन गिने-चुने देशों में शामिल है जहां सेक्स के लिए सहमति (एज ऑफ कंसेंट) देने की उम्र महज 12 साल है. बाल अधिकारों के लिए काम करने वाले लोगों का कहना है कि सेक्स के लिए सहमति देने की उम्र और बच्चों के साथ यौन अपराधों के बीच कनेक्शन पाया गया है. कई दशकों से मांग किए जाने के बाद अब फिलीपींस में एज ऑफ कंसेंट को बदलने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. (फोटोज- Getty) द इकोनॉमिस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, फिलीपींस में वयस्क महिलाओं के मुकाबले बच्चों के साथ रेप की घटनाएं अधिक दर्ज की जाती हैं. मोटे तौर पर हर पांच में से एक बच्चे को यौन शोषण से जूझना पड़ता है. कोरोना लॉकडाउन के दौरान बच्चों के साथ ऑनलाइन शोषण की घटनाएं भी बढ़ गई हैं.
बांग्लादेश में हाल की घटनाओं ने एक बड़ी राजनीतिक साजिश की झलक दिखाई है. इस्लामिक कट्टरपंथी ताकतों ने सरकार का तख्ता पलट किया और अवैध तरीके से सत्ता पर कब्जा जमाया. हादी की हत्या जैसे घटनाओं ने अस्थिरता बढ़ाई और चुनाव टालने की कोशिशें हुईं. बीते डेढ़ साल से हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय में डर और आक्रोश व्याप्त है. ढाका में ढाकेश्वरी मंदिर जैसे पूजा स्थल सुनसान हैं और लोग अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं.

बांग्लादेश में इस्लामिक कट्टरपंथ के कारण हालात दिन-ब-दिन बिगड़ रहे हैं. युनूस हुकूमत की नाकामियां और अफवाहें देश में तनाव बढ़ा रही हैं. हादी की हत्या के हत्यारों को पकड़ने में असफलता ने सामाजिक स्थिति को और दयनीय बना दिया है. हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय को धमकाने और सताने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, जिनमें दीपु चंद दास की लिंचिंग एक बड़ा उदाहरण है. देखें रिपोर्ट.

बांग्लादेश में छात्र नेता उस्मान हादी की हत्या के बाद ढाका सहित कई शहरों में तनाव और हिंसा पसरी हुई है. हादी की मौत के बाद भी कई जगहों पर बर्बादी की तस्वीरें देखी जा रही हैं. साथ ही हिंदू युवक दीपू दास की हत्या के कारण माहौल और अधिक तनावपूर्ण हो गया है. देखें खास रिपोर्ट, जो इस पूरे घटनाक्रम को गहराई से समझने में मदद करती है.

बांग्लादेश में चुनाव की घोषणा के बाद छात्र नेता उस्मान हादी की हत्या को लेकर चल रही राजनीतिक साजिशों का खुलासा हो रहा है. पुलिस ने पुष्टि की है कि हत्यारे बांग्लादेश में ही हैं और भारत भागने की अफवाह ग़लत साबित हुई है. बीएनपी ने जमात शिबिर पर हत्या में शामिल होने के आरोप लगाए हैं. हादी की हत्या के बाद हुए हिंसक घटनाओं में हिन्दुओं और मीडिया पर हमले भी किए गए.









