
पाकिस्तान और चीन के खिलाफ भारत के पक्ष में खुलकर आया फ्रांस
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बांग्लादेश में हाल की घटनाओं ने एक बड़ी राजनीतिक साजिश की झलक दिखाई है. इस्लामिक कट्टरपंथी ताकतों ने सरकार का तख्ता पलट किया और अवैध तरीके से सत्ता पर कब्जा जमाया. हादी की हत्या जैसे घटनाओं ने अस्थिरता बढ़ाई और चुनाव टालने की कोशिशें हुईं. बीते डेढ़ साल से हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय में डर और आक्रोश व्याप्त है. ढाका में ढाकेश्वरी मंदिर जैसे पूजा स्थल सुनसान हैं और लोग अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं.

बांग्लादेश में इस्लामिक कट्टरपंथ के कारण हालात दिन-ब-दिन बिगड़ रहे हैं. युनूस हुकूमत की नाकामियां और अफवाहें देश में तनाव बढ़ा रही हैं. हादी की हत्या के हत्यारों को पकड़ने में असफलता ने सामाजिक स्थिति को और दयनीय बना दिया है. हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय को धमकाने और सताने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, जिनमें दीपु चंद दास की लिंचिंग एक बड़ा उदाहरण है. देखें रिपोर्ट.

बांग्लादेश में छात्र नेता उस्मान हादी की हत्या के बाद ढाका सहित कई शहरों में तनाव और हिंसा पसरी हुई है. हादी की मौत के बाद भी कई जगहों पर बर्बादी की तस्वीरें देखी जा रही हैं. साथ ही हिंदू युवक दीपू दास की हत्या के कारण माहौल और अधिक तनावपूर्ण हो गया है. देखें खास रिपोर्ट, जो इस पूरे घटनाक्रम को गहराई से समझने में मदद करती है.

बांग्लादेश में चुनाव की घोषणा के बाद छात्र नेता उस्मान हादी की हत्या को लेकर चल रही राजनीतिक साजिशों का खुलासा हो रहा है. पुलिस ने पुष्टि की है कि हत्यारे बांग्लादेश में ही हैं और भारत भागने की अफवाह ग़लत साबित हुई है. बीएनपी ने जमात शिबिर पर हत्या में शामिल होने के आरोप लगाए हैं. हादी की हत्या के बाद हुए हिंसक घटनाओं में हिन्दुओं और मीडिया पर हमले भी किए गए.

ताकि फिलिस्तीन देश बनने से रोका जाए... गाजा में तबाही के बाद वेस्ट बैंक को लेकर ये है इजरायल का मकसद
इजरायल ने कब्जे वाले वेस्ट बैंक में 19 नई यहूदी बस्तियां बसाने को मंजूरी दी है. बेंजामिन नेतन्याहू सरकार का कहना है कि यह कदम फिलिस्तीनी राज्य बनने से रोकने के लिए उठाया गया है. इस फैसले की सऊदी अरब ने निंदा की है, जबकि संयुक्त राष्ट्र ने इसे क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा बताया है.

बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर लगातार हमले और हिंसा की घटनाओं ने भारत और नेपाल में गहरा आक्रोश फैला दिया है. हिन्दू संगठनों और जनता ने विभिन्न शहरों में विरोध प्रदर्शन किए और बांग्लादेश की सरकार और उसके अधिकारियों के खिलाफ आवाज उठाई. ढाका में हिंदू युवक दीपू दास की निर्मम हत्या और बाद में उनके शव को आग लगाने की घटना ने सबका दिल डगमगा दिया है. भारत के जमशेदपुर, दिल्ली, असम, त्रिपुरा और नेपाल के अलग-अलग जिलों में भी इस मामले को लेकर व्यापक विरोध दर्ज किया गया. नेपाल की सरकार से भी बांग्लादेशी दूतावास को हटाने और उनके डिप्लोमेट्स को देश से निकालने की मांग की गई है. यह स्थिति बांग्लादेश की सरकार और समाज में अल्पसंख्यकों के प्रति बढ़ती नफरत और हिंसा की चिंता को दर्शाती है.







