होवरक्राफ्ट: सर क्रीक इलाके का वो 'जेम्स बॉन्ड', जिससे पानी और जमीन पर Pakistan भी खाता है खौफ
ABP News
Hovercraft Boat: सर क्रीक जैसे दलदल वाले वीरान टापूओं की सुरक्षा के लिए कोस्टगार्ड ने बेड़े में खास होवरक्राफ्ट को शामिल किया है. ये खास बोट दलदल में भी चल सकती है और दुश्मन पर फायरिंग भी कर सकती है
इंडियन कोस्टगार्ड की जिम्मेदारी समंदर की सुरक्षा के साथ-साथ देश की 7500 किलोमीटर से ज्यादा लंबी तटीय सीमाओं की है. तटीय सीमा में भी पाकिस्तान से सटे सर क्रीक एरिया की सुरक्षा सबसे बड़ी चुनौती है. यही वजह है कि सर क्रीक जैसे दलदल वाले वीरान टापूओं की सुरक्षा के लिए कोस्टगार्ड ने अपने बेड़े में खास होवरक्राफ्ट को शामिल किया है. कोस्टगार्ड के एक ऐसे ही होवरक्राफ्ट से एबीपी न्यूज की टीम सर क्रीक के इलाके की सुरक्षा का जायजा लेने पहुंची.
कोस्टगार्ड की खास होवरक्राफ्ट (बोट) समंदर में फर्राटे से दौड़ने के साथ-साथ समंदर के बीच यानी रेतीले किनारों पर भी भाग सकती है. ये खास बोट दलदल में भी चल सकती है. ये होवरक्राफ्ट दुश्मन पर फायरिंग भी कर सकती है, क्योंकि भारतीय तटरक्षक बल की ये खास होवरक्राफ्ट समंदर की निगहबानी से लेकर पाकिस्तान से सटे दलदल वाले सर क्रीक एरिया की सुरक्षा में तैनात है. इसी होवरक्राफ्ट के ऑपरेशन की खास कवरेज के लिए एबीपी न्यूज की टीम पहुंची देश के सबसे पश्चिमी मुहाने पर बने जखाओ पोर्ट यानी बंदरगाह पर. गुजरात के इस बंदरगाह पर तैनात हैं कोस्टगार्ड की होवरक्राफ्ट, जिसके जरिए एबीपी न्यूज की टीम को पहुंचना था पाकिस्तानी सीमा से सटे बेहद ही संवेदनशील और दुर्गम इलाके सर क्रीक एरिया.