होटल का कमरा, एक्ट्रेस की मौत और सीसीटीवी फुटेज... आकांक्षा दुबे केस में अब भी अनसुलझे हैं कई सवाल
AajTak
होटल की पहली मंजिल पर लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज में दिखता है कि कैमरे के दायीं तरफ कमरा नंबर 105 है. जहां एक-एक कर पांच लोग अचानक कैमरे में नजर आते हैं. इसके बाद इनमें से होटल का एक स्टाफ चाबी से दरवाजा खोलते दिखाई देता है.
पिछले कुछ दिनों से एक मौत चर्चा में है, फिर इस मौत को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि ये मामला खुदकुशी है या फिर कत्ल का. लेकिन ये मौत कुछ अलग है. इसकी कहानी भी कुछ अलग है और इसकी वजह ये है कि मौत से ठीक पहले और मौत के बाद की तमाम तस्वीरें कैमरे में कैद हैं. और यही तस्वीरें आगे चलकर इस केस का खुलासा करने में मददगार साबित हो सकती हैं. ये कहानी है भोजपुरी अभिनेत्री आकांक्षा दुबे की डेथ मिस्ट्री की.
26 मार्च 2023, होटल सोमेंद्र रेजिडेंसी, वाराणसी सुबह 10 बजकर 38 मिनट का वक्त था. होटल की पहली मंजिल पर लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज में दिखता है कि कैमरे के दायीं तरफ कमरा नंबर 105 है. जहां एक-एक कर पांच लोग अचानक कैमरे में नजर आते हैं. इसके बाद इनमें से होटल का एक स्टाफ चाबी से दरवाजा खोलते दिखाई देता है. उसके दाहिनी तरफ लाल टीशर्ट और टोपी में एक दूसरा शख्स एक पॉट में बहुत सारी चाबी लिए खड़ा है. ताला खोलने की कोशिश करने वाला शख्स एक-एक कर चाबी लगाता जाता है और फिर नाकाम रहने पर उस चाबी को अपनी कमीज की जेब में डालता जाता है. लगभग तीन मिनट के अंदर वो 15 - 20 बार दरवाजा खोलने की कोशिश कर चुका था. मगर ताला नहीं खुल रहा था. आखिर करीब तीन मिनट बाद अचानक एक चाबी काम कर जाती है. दरवाजे का ताला खुल चुका था.
कमरे के बेड पर लड़की की लाश ताला खुलते ही पीछे खड़ी एक लड़की अब कमरे के अंदर दाखिल होती है. जाहिर है कमरा होटल का है, लिहाजा सीसीटीवी कैमरा कमरे में नहीं हो सकता. लेकिन आधे खुले दरवाजे से ही बाहर खड़े लोगों की नजर शायद अंदर का मंजर देख चुकी थी. अंदर का मंजर देखते ही नीली कमीज वाला अब तेजी से भागता है. सबसे पहले होटल के स्टाफ और फिर कमरे में पहुंची पुलिस ने जो कुछ देखा वो कुछ ऐसा था. एक लड़की कमरे के बेड पर बैठी हुई थी. उसका एक पैर जमीन पर और दूसरा बेड पर मुड़ा हुआ था. दाहिना हाथ बेड पर और बायां हाथ पैर पर था. साथ ही गले में बैंगनी रंग का एक दुपट्टा फंदे के तौर पर कसा हुआ था, जिसका दूसरा सिरा पंखे से बंधा था. वाराणसी के होटल सोमेंद्र रेजिडेंसी के कमरा नंबर 105 में बेड पर बैठी ये लाश किसी और की नहीं बल्कि भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री की तेजी से उभरती एक्ट्रेस आकांक्षा दुबे की थी. मौत के पीछे कई संभावनाएं कैमरे में कैद तस्वीरें बता रही हैं कि आकांक्षा का कमरा अंदर से बंद था. लेकिन इसे बाहर से भी खोला जा सकता था. यानी अगर संभावनाओं की ही बात की जाए तो यहां दोनों संभावनाएं बनती हैं. आकांक्षा ने अंदर से खुद कमरा लॉक किया और खुदकुशी कर ली या फिर क़ातिल ने कत्ल किया. खुदकुशी का रंग दिया, और कमरे को बाहर से लॉक कर चला गया. पर सवाल ये है कि इनमें से किस संभावना के सच होने की संभावना ज्यादा है. तो इसे भी सबसे पहले कैमरे की नज़र से ही टटोलते हैं और इसके लिए घड़ी को करीब 12 घंटे पीछे लिए चलते हैं.
25 मार्च 2023, वाराणसी का एक क्लब रात करीब दस बजे थे. वाराणसी के एक क्लब में 25 मार्च की रात एक पार्टी थी. एक प्राइवेट पार्टी. इस पार्टी को नाम दिया गया था, ब्रेकअप पार्टी. कहते हैं कि ये आकांक्षा की ही ब्रेकअप पार्टी थी. आकांक्षा भोजपुरी फिल्म के एक सिंगर समर सिंह के साथ रिलेशनशिप में थी. इसी साल वैलेंटाइन्स डे पर आकांक्षा ने बाकायदा अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर समर सिंह के साथ एक तस्वीर शेयर कर इस रिश्ते को जाहिर भी किया था. पर अब वो रिश्ता टूट चुका था. इस ब्रेकअप पार्टी में आकांक्षा के अलावा उसके दो और दोस्त थे, एक लड़की और एक लड़का. ब्रेकअप पार्टी खत्म होने के बाद आकांक्षा को उसका एक पुराना दोस्त संदीप होटल तक अपनी गाड़ी में ले जाता है.
कमरे में 17 मिनट तक रुका था संदीप जिस क्लब में पार्टी थी उस क्लब से होटल सोमेंद्र की दूरी करीब 10 किलोमीटर थी. पार्टी खत्म होने के बाद रात करीब 1 बजकर 50 मिनट पर आकांक्षा अपने पुराने दोस्त संदीप के साथ होटल पहुंचती है. तस्वीरें उसी वक्त की हैं. तस्वीरों में आकांक्षा कुछ लड़खड़ाती हुई नज़र आ रही है. इसके बाद आकांक्षा और संदीप रूम नंबर 105 में दाखिल होते हैं. कमरे में दाखिल होने के बाद कमरे की लाइट बंद हो जाती है. सीसीटीवी कैमरे के हिसाब से संदीप आकांक्षा के साथ कमरे में करीब 17 मिनट तक रहता है. इसके बाद वो वहां से निकल जाता है. यानी सबूतों के हिसाब से संदीप वो आखिरी शख्स था जिसने आकांक्षा को जिंदा देखा था.
लंबी पूछताछ के बाद संदीप को मिली क्लीन चिट अब यहां सवाल उठता है कि संदीप के जाने के बाद भी आकांक्षा जिंदा थी, या फिर संदीप के जाने से पहले ही आकांक्षा की मौत हो चुकी थी. आकांक्षा की मौत को लेकर ये टाइमिंग और सवाल सबसे अहम था. लिहाजा पुलिस ने संदीप से लंबी पूछताछ की और फिर उसे क्लीन चिट देते हुए छोड़ दिया. संदीप को क्लीन चिट देने की एक अहम वजह थी.
जम्मू के रियासी जिला अस्पताल में आतंकी हमले के बाल बच्चे भर्ती हैं. इन मासूम बच्चों को देखकर किसी का भी कलेजा फट सकता है. आतंकवादियों ने जो बर्बरता की है, उसके प्रमाण आप देख सकते हैं. श्रद्धालुओं ने जब आतंकवादी हमले की कहानी सुनाई, तो दिल दहल गया. आप उन आतंकवादियों की बर्बरता का अंदाजा नहीं लगा सकते.
महाराष्ट्र के ठाणे में ठगों ने यूपी पुलिस का अधिकारी बनकर एक कारोबारी को करीब 20 लाख रुपये का चूना लगा दिया. ठगों ने कारोबारी को मनी लॉन्ड्रिंग के केस में फंसाने की धमकी दी थी और गिरफ्तारी से बचने के लिए पैसों की मांग की थी. पैसे देने के बाद जब कारोबारी ने लखनऊ में फोन कर यूपी पुलिस थाने में जानकारी ली तो उसे पता चला कि उसके खिलाफ कोई केस ही नहीं है.
महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना भी मोदी कैबिनेट में जगह नहीं मिलने से नाराज हो गई है. पार्टी के चीफ व्हिप श्रीरंग बारणे का कहना है कि उनकी पार्टी ने सात सीटें जीती हैं और बावजूद इसके उन्हें कोई कैबिनेट मंत्रालय नहीं दिया गया. उनका कहना है कि एनडीए के अन्य घटक दलों को कम सीट मिलने पर भी कैबिनेट में जगह मिली है.