
हिमाचल: 56 साल बाद मिले चार सैनिकों के अवशेष, 1968 के प्लेन क्रैश में हुए थे शहीद
AajTak
लाहौल-स्पीति जिले के पुलिस अधीक्षक मयंक चौधरी ने इसकी पुष्टि की कि इस खोज की जानकारी सैटेलाइट फोन के माध्यम से सेना के अभियान दल से प्राप्त हुई. यह दल मंगलवार शाम शव लेकर लोसर पहुंचेगा. यह दल लाहौल-स्पीति के दूरस्थ और कठिन क्षेत्र सीबी-13 (चंद्रभागा-13 चोटी) के पास बाटल में पर्वतारोहण अभियान चला रहा था.
भारतीय सेना के एक अभियान ने हिमाचल प्रदेश के लाहौल घाटी में 1968 में दुर्घटनाग्रस्त हुए AN-12 विमान के मलबे से चार सैनिकों के अवशेष बरामद किए हैं. यह विमान भारतीय वायु सेना का था और इसमें 102 सेना के जवान सवार थे. यह विमान चंडीगढ़ से लेह की नियमित उड़ान पर था, जब यह दुर्घटना का शिकार हुआ.
लाहौल-स्पीति जिले के पुलिस अधीक्षक मयंक चौधरी ने इसकी पुष्टि की कि इस खोज की जानकारी सैटेलाइट फोन के माध्यम से सेना के अभियान दल से प्राप्त हुई. यह दल मंगलवार शाम शव लेकर लोसर पहुंचेगा. यह दल लाहौल-स्पीति के दूरस्थ और कठिन क्षेत्र सीबी-13 (चंद्रभागा-13 चोटी) के पास बाटल में पर्वतारोहण अभियान चला रहा था. चौधरी ने कहा, "सैटेलाइट संचार के जरिए मिली जानकारी के अनुसार, चार शव मिले हैं. प्रारंभिक जांच के आधार पर यह माना जा रहा है कि ये अवशेष 1968 के भारतीय वायु सेना के AN-12 विमान दुर्घटना से जुड़े हो सकते हैं."
यह खोज एक लंबे और कठिन प्रयास का हिस्सा है, जिसमें 1968 की उस दुर्घटना में मारे गए लोगों के अवशेषों को बरामद करने की कोशिश की जा रही है. यह दुर्घटना भारतीय सैन्य विमानन इतिहास की सबसे दुखद घटनाओं में से एक है. खराब मौसम के कारण विमान लाहौल घाटी के पहाड़ी इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. वर्षों के कई खोज अभियानों के बावजूद, इस दुर्घटना के कई शव और मलबा बर्फीले और ऊँचाई वाले इलाके में खोए हुए थे.
2018 में, इस विमान का मलबा और एक सैनिक का शव ढाका ग्लेशियर बेस कैंप पर मिला था, जो 6,200 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है. यह खोज उस समय पर्वतारोहियों की एक टीम ने की थी, जो चंद्रभागा-13 चोटी पर सफाई अभियान पर थी. अब, दुर्घटना के 56 साल बाद, चार सैनिकों के इन अवशेषों की हालिया बरामदगी उन शहीदों की याद को सम्मानित करने और उनके परिवारों को सुकून पहुंचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
एसपी चौधरी ने बताया कि सेना का अभियान दल अब अवशेषों को लोसर बेस पर ला रहा है. उन्होंने कहा, "सैनिकों के अवशेषों को पहचान और अन्य औपचारिकताओं के लिए लोसर लाया जाएगा." उन्होंने यह भी बताया कि जहां से मलबा और अवशेष मिले हैं, वह इलाका बेहद कठिन और ऊंचाई पर स्थित है, जिससे वहाँ पहुंचना और खोज अभियान चलाना बहुत चुनौतीपूर्ण है. यह बरामदगी सेना के पर्वतारोहण दल की दृढ़ता और विशेषज्ञता का प्रमाण है.
इस खोज ने 1968 की दुर्घटना पर फिर से ध्यान आकर्षित किया है और लोगों को उम्मीद है कि इन सैनिकों के अवशेषों की बरामदगी से उन अन्य सैनिकों का भी पता चल सकेगा, जो इस दुर्घटना के बाद अब तक लापता हैं.

इंडिगो की फ्लाइट्स लगातार कैंसिल हो रही हैं और सरकार इसकी सख्ती से जांच कर रही है. यात्रियों की समस्या बढ़ने पर सरकार ने इंडिगो के अधिकारियों को तलब किया है और एयरफेयर पर प्राइस कैपिंग लगाई गई है. 500 किलोमीटर तक किराया साढ़े 7 हजार रुपए जबकि लंबी दूरी के लिए अधिकतम अठारह हजार रुपए निर्धारित किए गए हैं. यात्रियों को रिफंड न मिल पाने की शिकायतें भी बढ़ रही हैं. देखें विशेष.

देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो के बड़े ऑपरेशनल संकट के बीच सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा है कि इस मामले में ऐसी कड़ी कार्रवाई होगी जो पूरे एविएशन सेक्टर के लिए मिसाल बनेगी. नागर विमानन मंत्री राम मोहन नायडू ने इंडिगो पर जवाबदेही तय करने की बात कही और पूछा कि 3 दिसंबर से ही इतनी भारी अव्यवस्था क्यों शुरू हुई.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्यक्रम में कहा कि भारत आज वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच स्थिरता और भरोसे का स्तंभ बनकर उभरा है. उन्होंने बताया कि देश की GDP वृद्धि 8 प्रतिशत से अधिक रही है, जबकि सुधार अब दीर्घकालिक लक्ष्यों के अनुरूप किए जा रहे हैं. PM मोदी ने गुलामी की मानसिकता से बाहर निकलने, पूर्वी भारत और छोटे शहरों में क्षमता बढ़ाने, ऊर्जा और मोबाइल निर्माण जैसे क्षेत्रों में तेजी से हुई प्रगति पर भी जोर दिया.










