
'हिंदुस्तान मुर्दाबाद' सुनकर हैंडपंप क्या, मैं तो सनी देओल से बिल्डिंग उखड़वा देता: अनिल शर्मा
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'गदर 2' के टीजर ने रिलीज होते ही गदर मचा दिया है. फिल्म के डायलॉग सोशल मीडिया पर ट्रेंड हो रहे हैं. आज से 22 साल पहले रिलीज हुई फिल्म के डायलॉग पर लोग सीटियां बजा रहे हैं. खासकर फिल्म का हैंडपंप सीन आइकॉनिक बन चुका है.
फिल्म 'गदर एक प्रेमकथा' को पिछले दिनों थिएटर्स में री-रिलीज किया गया. फिल्म को लेकर दर्शकों का रिस्पॉन्स भी जबरदस्त रहा. इसी बीच मेकर्स ने फैंस को तोहफे के रूप में 'गदर 2' का टीजर देकर सरप्राइज किया है. 22 साल बाद थिएटर में 'गदर' को दोबारा लगाए जाने के बाद कई फैंस इमोशनल हुए, तो कईयों की यादें ताजा सी हो गई.
फिल्म के डायरेक्टर अनिल शर्मा इतने सालों बाद भी 'गदर' को मिल रहे प्यार से अभिभूत हैं. अनिल ने खास आजतक डॉट इन से बात कर अपना इमोशन बयां किया है. अनिल कहते हैं, 'मैं गदर के री-रिलीज को लेकर बड़ी दुविधा में था कि क्या मेरा दोबारा दिखाना सही रहेगा. फिर खुद ही सोचा कि अब गदर का अगला भाग आ रहा है, तो क्यों न लोगों के जेहन में वो यादें ताजा की जाए. बस फिर क्या, प्लान बना और मैं भी खुद बतौर दर्शक गदर को थिएटर में देखना चाहता था. '
400 स्क्रीन पर दिखाई जा रही है फिल्म बता दें, पूरे देश में गदर को 400 स्क्रीन पर दिखाई जा रही है. इस पर अनिल कहते हैं, 'हमने पूरी फिल्म को देशभर के 400 स्क्रीन पर रिलीज किया है. अगर इस हफ्ते रिस्पॉन्स अच्छा होता है, तो हम स्क्रीन्स और भी बढ़ा सकते हैं. हमने तो सोचा था कि केवल 100 स्क्रीन पर ही इसे रिलीज करेंगे, लेकिन लोगों की डिमांड आती गई, जो बढ़कर 400 स्क्रीन पर तब्दील हो गई.'
सेट पर झंडे दिखाकर करते थे इशारा गदर की शूटिंग के पुराने दिनों को याद कर अनिल बताते हैं, 'मैं पार्टीशन वाली पहली रील्स देख रहा था. पता नहीं मुझे खुद हैरानी हो रही थी कि क्या वाकई में इसे मैंने ही शूट किया है. कोई वीएफएक्स नहीं, कोई मॉनिटर नहीं होता था, जो भी हो रहा है, सब आंखों से देखकर ही किया जा रहा है. वॉकी-टॉकी जैसी सुविधा नहीं थी कि दूर वालों को इंस्ट्रक्शन दे सकें. उस वक्त हाथों में झंडे रखते थे और उससे ही इशारा करते थे. मोबाइल फोन भी नहीं था कि कॉल ही कर लें, उन सबके बावजूद गदर ने क्या कमाल का सक्सेस अचीव किया था. मेरी तो हजारों मेमोरी उस फिल्म से है, जिस पर लगातार तीन चार दिन बोल सकता हूं.'

आशका गोराडिया ने 2002 में एक यंग टेलीविजन एक्टर के रूप में एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में कदम रखा था. 16 साल बाद उन्होंने सब कुछ छोड़ दिया. इसका कारण थकान नहीं, बल्कि एक विजन था. कभी भारतीय टेलीविजन के सबसे यादगार किरदार निभाने वाली आशका आज 1,800 करोड़ रुपये की वैल्यूएशन वाली कंपनी की कमान संभाल रही हैं.












