हाथ में मशाल लिए सड़क पर महिलाएं, मणिपुर में अब 'मीरा पैबी' की शुरुआत
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मणिपुर पर संसद में तो गतिरोध है लेकिन ग्राउंड जीरो पर हालात नियंत्रण में लाने की कोशिश जारी है. इसका असर भी दिख रहा है. हालांकि विपक्षी दलों के हमले के चलते मणिपुर पर हंगामा थम नहीं रहा है. इस बीच इंफाल में महिलाओं ने मीरा पाबी आंदोलन की शुरुआत कर दी है.
मणिपुर में हालात काबू करने में सरकार ने एडी-चोटी का जोर लगा दिया है. पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह लगातार एक्शन में हैं. मणिपुर पर संसद में तो गतिरोध है लेकिन ग्राउंड जीरो पर हालात नियंत्रण में लाने की कोशिश जारी है. इसका असर भी दिख रहा है. हालांकि विपक्षी दलों के हमले के चलते मणिपुर पर हंगामा थम नहीं रहा है.
इस बीच राज्य में महिलाएं भी हाथ में मशाल लिए सुरक्षाकर्मियों के साथ मुस्तैद हैं. मणिपुर में महिलाओं के इस आंदोलन को मीरा पैबी के नाम से जाना जाता है. ये महिलाएं अपने आंदोलन में मशाल लेकर चलती हैं. इस समय मणिपुर में हिंसा पर लगाने के लिए सुरक्षाबलों के जवान मुस्तैद हैं. इंफाल में महिलाएं रात में मशाल लेकर अपने इलाके और घरवालों की रक्षा के लिए सड़कों पर हैं, ताकि बच्चे और परिवार वाले सुरक्षित रह सकें.
दरअसल, ये सच है कि तीन मई से शुरू हुई हिंसक वारदातों के बाद से मणिपुर में अमन-चैन में खलल पड़ा है. दो समुदायों के बीच नफरत और दहशत की दीवार खड़ी है और माहौल तनावपूर्ण हैं. इस पर जोरदार सियासत हो रही है. हालांकि विपक्षी दलों के हमलों के बीच सरकार लगातार कोशिश कर रही है कि जल्द से जल्द मणिपुर के हालात को पूरी तरह से काबू में लाया जाए.
दोनों समुदाय के नेताओं से बातचीत जारी
यही वजह है कि पीएम मोदी लगातार गृह मंत्री अमित शाह से हालात की जानकारी ले रहे हैं. अमित शाह कुछ दिन पहले ही तीन दिन मणिपुर में रहकर आए हैं. इन दिनों मैतेई और कुकी दोनों समुदायों के नेताओं से अमित शाह भी लगातार बात कर रहे हैं. 25 मई से 17 जून के बीच 22 दिन केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय मणिपुर में ही रहे और तमाम मसलों को सुलझाने की कोशिश की. इसके अलावा मणिपुर में 35 हजार अतिरिक्त जवानों की तैनाती की जा चुकी है.
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