
हरियाणा: कुरुक्षेत्र में महायज्ञ के दौरान बवाल, पुलिस ने कहा- मामूली कहासुनी के बाद गोलीबारी-पत्थरबाजी
AajTak
हरियाणा के कुरुक्षेत्र में स्वामी हरि ओम दास द्वारा आयोजित 1008 कुंडीय महायज्ञ में हिंसा भड़क उठी. खाने की शिकायत पर ब्राह्मणों और आयोजकों के बीच विवाद हुआ. पुलिस ने मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए बताया है कि गोलीबारी में एक व्यक्ति घायल हो गया, वो अब खतरे से बाहर है. मामूली कहासुनी पर विवाद बढ़ गया.
हरियाणा के कुरुक्षेत्र के केशव पार्क में आयोजित 1000 कुंडीय यज्ञ में शनिवार सुबह बवाल मच गया. यज्ञ के वेद पाठियों ने सड़ा-गला खाना देने का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया. जिसके बाद विवाद इतना बढ़ गया कि गोलीबारी और पत्थरबाजी की नौबत आ गई. आरोप है कि कहासुनी के दौरान यज्ञ सम्राट स्वामी हरि ओम दास के अंगरक्षकों ने गोली चला दी, जिसमें एक व्यक्ति को गोली लग गई. अब इस मामले में पुलिस का भी पक्ष सामने आ गया है.
कुरुक्षेत्र के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मनप्रीत सिंह सुदन ने कहा, "सुबह 9:30 बजे के करीब यहां दो पक्षों के बीच में कहासुनी हो गया था. कहासुनी होने के बाद वो लोग आपस में पत्थर मारने लगे और उसी रोश में गुस्से में एक व्यक्ति ने दो राउंड फायर कर दिया. तो गोलीबारी में एक आदमी घायल हो गया. उसके दाएं पैर में गोली लगी. वो अभी खतरे से बाहर है और एक के सिर पर पत्थर लगा है. वो भी खतरे से बाहर है. स्थिति पुरी पुलिस के कंट्रोल में है, दोनों पक्षों से बात हो गई है और जल्दी हम अभी F.I.R. दर्ज करने के पर प्रक्रिया शुरू करने वाले हैं. जिन व्यक्तियों ने फायरिंग की थी उनके पीछे हमारी टीम्स लगी हुई है." यह भी पढ़ें: हरियाणा: कुरुक्षेत्र में महायज्ञ के दौरान बवाल, पत्थरबाजी और फायरिंग... 3 लोग जख्मी, एक की हालत गंभीर
केशव पार्क में फायरिंग किसने की?
पुलिस ने साफ किया है कि अभी मामले की जांच जारी है. यह अभी स्पष्ट नहीं है कि हरिओम के अंगरक्षकों ने गोली चलाई है. साथ ही पुलिस ने आश्वासन दिया है कि गोली चलाने वाले को जल्द पकड़ा जाएगा और कार्रवाई की जाएगी. पुलिस ने लोगों से अपील की है कि धार्मिक आयोजन में शांति बनाए रखें. किसी भी तरह का उपद्रव का मामला आता तो पुलिस के समक्ष मामले को संज्ञान में लाएं. पुलिस अधीक्षक मनप्रीत सिंह सुदन ने बताया कि पुलिस सोशल मीडिया पर भी नजर बनाई रखी है.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.

देश की किफायत विमानन कंपनी इंडिगो का ऑपरेशनल संकट जारी है. इंडिगो को पायलट्स के लिए आए नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों को लागू करने में भारी दिक्कत आ रही है. इस बीच आज इंडिगो की 1000 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो गई है, जिस पर कंपनी के सीईओ का पहला बयान सामने आया है. इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने इंडिगो ऑपरेशनल संकट पर पहली बार बयान देते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से विमानन कंपनी के कामकाज में दिक्कतें आ रही हैं. कंपनी का कामकाज पांच दिसंबर को सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. आज 100 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हुई हैं.

संसद के शीतकालीन सत्र में 8 और 9 दिसंबर 2025 को राष्ट्रगीत वंदे मातरम् पर दोनों सदनों में विशेष चर्चा होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री इस चर्चा को संबोधित करेंगे. चर्चा का उद्देश्य वंदे मातरम् के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान, ऐतिहासिक महत्व और वर्तमान प्रासंगिकता को उजागर करना है.

भारत-रूस बिजनेस फोरम में पीएम मोदी ने कहा कि भारत और रूस के बीच संबंध मजबूत हो रहे हैं और दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण लक्ष्यों को निर्धारित किया है. राष्ट्रपति पुतिन के साथ चर्चा में यह स्पष्ट हुआ कि व्यापार लक्ष्य समय से पहले पूरा किया जाएगा. कई क्षेत्रों जैसे लॉजिस्टिक्स, कनेक्टिविटी, मरीन प्रोडक्ट्स, ऑटोमोबाइल, फार्मा, और टेक्सटाइल में सहयोग को आगे बढ़ाया जा रहा है.

जम्मू-कश्मीर के 711 अग्निवीर आज भारतीय सेना का हिस्सा बन गए हैं. श्रीनगर स्थित जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट सेंटर में इन्हें कठोर प्रशिक्षण दिया गया, जिसके बाद ये अग्निवीर देश की सुरक्षा के लिए सीमाओं पर तैनात होंगे. इससे न केवल भारतीय सेना की क्षमता में वृद्धि हुई है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा भी मजबूत हुई है.







