
हमें हर बार एक ही मंत्रालय क्यों दिया जाता है? अब जीतन राम मांझी ने नीतीश से मांगा पथ निर्माण विभाग
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बिहार में फ्लोर टेस्ट से पहले ही सियासत गरमा गई है. सत्ताधारी गठबंधन एनडीए में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. नीतीश सरकार को समर्थन दे रहे HAM प्रमुख जीतनराम मांझी लगातार अपनी मांग पर अड़े हैं. मांझी सरकार में दो मंत्री पद दिए जाने की मांग उठा रहे हैं. अब उन्होंने महत्वपूर्ण मंत्रालय दिए जाने की हुंकार भरी है.
बिहार में फ्लोर टेस्ट से पहले एनडीए के अंदर प्रेशर पॉलिटिक्स की खूब गरमाहट है. हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के बयान नई सरकार की टेंशन बढ़ा रहे हैं. सोमवार को मांझी ने सार्वजनिक मंच से अब मंत्रालय बंटवारे पर असंतुष्टि जाहिर कर दी है और दुख भी जताया है. मांझी का कहना था कि हमें (HAM) कोई बड़ा विभाग/मंत्रालय क्यों नहीं दिया जाता है. जब मैं मंत्री था, तब भी एससी-एसटी मंत्रालय दिया गया था. अब बेटे संतोष को भी यही विभाग दिया है.
बता दें कि 28 जनवरी को बिहार में तख्तापलट हुआ और एनडीए सरकार बनी थी. नीतीश कुमार 9वीं बार सीएम बने. बीजेपी कोटे से दो डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा बनाए गए थे. 5 अन्य मंत्रियों ने शपथ ली थी. HAM कोटे से संतोष सुमन भी मंत्री बनाए गए थे. मंत्रालय का बंटवारा हुआ तो गृह विभाग नीतीश कुमार ने अपने पास रखा. इसके अलावा, सामान्य प्रशासन, मंत्रिमंडल सचिवालय, निगरानी, निर्वाचन और ऐसे सभी विभाग जो किसी को आवंटित नहीं हैं. सम्राट को वित्त, वाणिज्य कर, नगर विकास एवं आवास, स्वास्थ्य, खेल, पंचायती राज, उद्योग, पशु एवं मत्स्य संसाधन, विधि विभाग, विजय सिन्हा को कृषि, पथ निर्माण, राजस्व एवं भूमि सुधार, गन्ना उद्योग, खनन एवं भूतत्व, श्रम संसाधन, कला संस्कृति एवं युवा, लघु जल संसाधन, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग दिया गया है.
'मांझी परिवार के खाते में आ रहा है यह मंत्रालय'
वहीं, जीतनराम मांझी के बेटे संतोष कुमार सुमन को सूचना प्रविधिकी, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग दिया गया है. इससे पहले जब संतोष महागठबंधन की सरकार में मंत्री थे, तब भी उन्हें एससी-एसटी कल्याण दिया गया था. इसके अलावा, जब जीतन राम मंझी बिहार सरकार में मंत्री थे, तब भी उनके पास इसी मंत्रालय की जिम्मेदारी थी.
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'क्या हम पथ निर्माण विभाग नहीं संभाल सकते?'

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