
सौ साल, दुनियाभर के एक्सपर्ट और सैकड़ों नाकाम कोशिशें, ऐसा क्या है सिंधु घाटी लिपि में, जो अब तक रहस्य?
AajTak
दुनिया में कई भाषाएं बनीं और खत्म भी हो गईं. इस बीच प्राचीन वक्त की कई लिपियों को ठीक-ठाक पढ़ लिया गया कि उनमें क्या लिखा है, लेकिन सिंधु घाटी स्क्रिप्ट अब भी अबूझ है. हाल में तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने इसे डीकोड करने वालों को बड़ा पुरस्कार देने का एलान किया. अब तक इसे समझने की सैकड़ों कोशिशें बेकार हो चुकीं.
कुछ रोज पहले तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने सिंधु घाटी की लिपि को समझने वालों के लिए 1 मिलियन डॉलर इनाम की घोषणा की. ये बहुत बड़ी रकम है, लेकिन इस रकम को हासिल कर सकना उतना ही मुश्किल है. बड़े पुरातत्ववेत्ता और वैज्ञानिक भी इस स्क्रिप्ट के आगे हार जाते हैं. ऐसा क्या है सिंधु घाटी सभ्यता की लिपि में, या फिर कहीं ये लिपि की बजाए महज कुछ तस्वीरें तो नहीं?
क्या है सिंधु घाटी सभ्यता, कितनी पुरानी यह भारत और पाकिस्तान में फैली हुई एक प्राचीन सभ्यता थी, जो सिंधु और उससे जुड़ी छोटी नदियों के किनारे-किनारे फली-फूली. इसे दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक माना जाता है. इसका कुछ हिस्सा अफगानिस्तान में भी लगता था. हालांकि इस सिविलाइजेशन के वक्त को लेकर अब भी बहस है. कुछ इसे 2700 से 1900 ईसा पूर्व तक मानते हैं, वहीं कुछ इसे आठ हजार साल पुराना कहते हैं. खुदाई में मिली चीजों के शोध से भी वक्त का ये दायरा तय नहीं हो सका.
दुनिया को पहली बार सिंधु सभ्यता के बारे में पता लगा लगभग 100 साल पहले. एक अंग्रेज शोधकर्ता ने इसका पता लगाया. इसे पहली बार पता लगे शहर के नाम पर हड़प्पा सभ्यता भी कहा जाने लगा. ये वही शहर है जो देश के बंटवारे के वक्त पाकिस्तान में चला गया. इसके नाम को लेकर भी भारत और पाकिस्तान में विवाद रहा, बहरहाल, उसपर चर्चा कभी और. फिलहाल चूंकि सिंधु घाटी सभ्यता का टाइम पीरियड तय नहीं हो सका, लिहाजा कई इतिहासकार इसे दुनिया की सबसे प्राचीन सभ्यता मानते हैं. मिस्र और मेसोपोटामिया से भी पुरानी, जो कुछ चारेक हजार साल पहले की हैं.
विकसित थे उस दौर के नगर-शहर
सिंधु घाटी में ऐसी कम से कम 8 ऐसी जगहें हैं जहां पूरा का पूरा शहर खोज लिया गया, जैसे हड़प्पा, मोहनजोदड़ो, चनहुदड़ो, लोथल, कालीबंगा, सुरकोटदा और रंगपुर. उस दौर के लिहाज से बेहद आधुनिक इस सभ्यता की लिपि अब तक पढ़ी नहीं जा सकी, जबकि भारत समेत पाकिस्तान में भी अब तक हजारों लिखित पत्थर मिल चुके. इनमें से ज्यादातर छोटे तराशे हुए पत्थर हैं. इनपर किसी न किसी तस्वीर के साथ कुछ लिखा हुआ है. क्ले और धातुओं पर भी स्क्रिप्ट लिखी मिल चुकी. साथ ही साथ वो सारे प्रमाण मिल चुके, जो किसी सभ्यता को उसके पुरानेपन के साथ भी मॉडर्न बनाते हैं.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.

देश की किफायत विमानन कंपनी इंडिगो का ऑपरेशनल संकट जारी है. इंडिगो को पायलट्स के लिए आए नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों को लागू करने में भारी दिक्कत आ रही है. इस बीच आज इंडिगो की 1000 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो गई है, जिस पर कंपनी के सीईओ का पहला बयान सामने आया है. इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने इंडिगो ऑपरेशनल संकट पर पहली बार बयान देते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से विमानन कंपनी के कामकाज में दिक्कतें आ रही हैं. कंपनी का कामकाज पांच दिसंबर को सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. आज 100 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हुई हैं.

संसद के शीतकालीन सत्र में 8 और 9 दिसंबर 2025 को राष्ट्रगीत वंदे मातरम् पर दोनों सदनों में विशेष चर्चा होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री इस चर्चा को संबोधित करेंगे. चर्चा का उद्देश्य वंदे मातरम् के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान, ऐतिहासिक महत्व और वर्तमान प्रासंगिकता को उजागर करना है.

भारत-रूस बिजनेस फोरम में पीएम मोदी ने कहा कि भारत और रूस के बीच संबंध मजबूत हो रहे हैं और दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण लक्ष्यों को निर्धारित किया है. राष्ट्रपति पुतिन के साथ चर्चा में यह स्पष्ट हुआ कि व्यापार लक्ष्य समय से पहले पूरा किया जाएगा. कई क्षेत्रों जैसे लॉजिस्टिक्स, कनेक्टिविटी, मरीन प्रोडक्ट्स, ऑटोमोबाइल, फार्मा, और टेक्सटाइल में सहयोग को आगे बढ़ाया जा रहा है.

जम्मू-कश्मीर के 711 अग्निवीर आज भारतीय सेना का हिस्सा बन गए हैं. श्रीनगर स्थित जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट सेंटर में इन्हें कठोर प्रशिक्षण दिया गया, जिसके बाद ये अग्निवीर देश की सुरक्षा के लिए सीमाओं पर तैनात होंगे. इससे न केवल भारतीय सेना की क्षमता में वृद्धि हुई है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा भी मजबूत हुई है.







