सोती रही गाजीपुर पुलिस और बक्सर प्रसाशन ने यूपी में घुसकर लगाया महाजाल, फंसे 8 शव
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बक्सर के जिलाधिकारी ने इस गुप्त अभियान के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि अगर हम चौसा में लाश डालत हैं तो लाशें चार-पांच दिन बाद दूर कई किलोमीटर जाकर निकलेंगी. कल हमारी टीम गाजीपुर ऑफ स्ट्रीम गई. जहां टीम ने देखा कि वे लोग गंगा में लाशें डाल रहे हैं.
बिहार के बक्सर जिले में प्रसाशन ने नदी में बहकर आ रही लाशों को लेकर होने वाली बदनामी के दाग को धोने के लिए एक गुप्त अभियान चलाया. बक्सर जिला प्रशासन ने उत्तर प्रदेश की सीमा में घुसकर पता लगाया कि गाजीपुर के बारे थाना क्षेत्र से लाशों को गंगा में प्रवाहित किया जाता है. फिर वे लाशें महदेवा घाट सहित बक्सर जिले में आकर फैल जाती हैं. इसके लिए बक्सर प्रशासन ने नदी पर एक महाजाल लगाया है. जिसमें पहले दिन ही 8 शव मिले हैं. बक्सर के जिलाधिकारी ने इस गुप्त अभियान के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि अगर हम चौसा में लाश डालत हैं तो लाशें चार-पांच दिन बाद दूर कई किलोमीटर जाकर निकलेंगी. कल हमारी टीम गाजीपुर ऑफ स्ट्रीम गई. जहां टीम ने देखा कि लोग गंगा में लाश डाल रहे हैं. ये काफी गंभीर विषय है. हम लोगों ने गंगा नदी पर महाजाल लगाया है. क्योंकि हम ये देखना चाहते थे कि कितनी लाशें बहकर आ रही हैं. बुधवार को माहजाल से आठ लाशें मिली हैं.नवाज शरीफ ने 25 साल बाद एक गलती स्वीकार की है. ये गलती पाकिस्तान की दगाबाजी की है. 20 फरवरी 1999 को दिल्ली से जब सुनहरी रंग की 'सदा-ए-सरहद' (सरहद की पुकार) लग्जरी बस अटारी बॉर्डर की ओर चली तो लगा कि 1947 में अलग हुए दो मुल्क अपना अतीत भूलाकर आगे चलने को तैयार हैं. लेकिन ये भावना एकतरफा थी. पाकिस्तान आर्मी के मन में तो कुछ और चल रहा था.
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