सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को सरकार का तोहफा, सोलर पीवी के लिए भी PLI को मंजूरी
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केंद्र सरकार ने बुधवार को "सेमीकंडक्टर्स और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम के विकास के लिए कार्यक्रम" में संशोधनों को मंजूरी दे दी है. सरकार कंपनियों को 50 फीसदी प्रोत्साहन देगी. इसके साथ ही कैबिनेट ने लॉजिस्टिक पॉलिसी 2022 को भी मंजूरी दे दी है. 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पॉलिसी का उद्घाटन किया था.
केंद्र सरकार ने बुधवार को "सेमीकंडक्टर्स और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम के विकास के लिए कार्यक्रम" में संशोधनों को मंजूरी दे दी है. इसके तहत प्रौद्योगिकी नोड्स के साथ-साथ सेमीकंडक्टर फैब समेत पैकेजिंग और अन्य सेमीकंडक्टर सुविधाओं के लिए सरकार कंपनियों को 50 फीसदी प्रोत्साहन देगी. दरअसल, सरकार ने हाल ही में अपनी पीएलआई योजना के तहत सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग इलेक्ट्रॉनिक्स इकोसिस्टम के विकास के लिए अलग से 76,000 करोड़ रुपये (करीब 10 अरब डॉलर) के परिव्यय की घोषणा की थी.
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने जानकारी देते हुए बताया कि कैबिनेट ने आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए रिन्यूएबल एनर्जी पर सोलर पीवी के लिए PLI स्किम को स्वीकृति दी है. इसके लिए 19500 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है. इसके साथ ही सेमीकंडक्टर स्कीम में भी बदलाव किया गया है.
उन्होंने बताया कि पहले अलग-अलग कैटेगिरी के लिए 30 फीसदी से 50 फीसदी तक प्रोत्साहन देने का प्रावधान था. अब सभी कैटेगिरी के लिए एक सामान 50 फीसदी तक प्रोत्साहन देने का प्रावधान किया गया है. पहले सिर्फ 65 nm साइज़ तक के Nodes तक के लिए प्रोत्साहन हुआ करते थे, लेकिन अब सभी साइज़ के Nodes के लिए प्रोत्साहन देने का प्रावधान होगा. इसके साथ ही किसी एक यूनिट के लिए 12,000 करोड़ रुपये के अधिकतम प्रोत्साहन की सीमा भी ख़त्म कर दी गई है.
लॉजिस्टिक पॉलिसी 2022 को भी मिली मंजूरी
कैबिनेट ने लॉजिस्टिक पॉलिसी 2022 को भी मंजूरी दे दी है. 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पॉलिसी का उद्घाटन किया था. बताया जा रहा है कि यह पॉलिसी कॉरपोरेट सेक्टर के लिए बेहद उपयोगी साबित होगी. खुद प्रधानमंत्री मोदी ने इसे लॉन्च करते हुए तेजी से ग्रोथ करते भारत की इकोनॉमी में इसकी उपयोगिता और खूबियों को गिनाया था. इसे लॉन्च करते हुए उन्होंने कहा कि यह पॉलिसी निचले स्तर से राष्ट्रीय स्तर तक आत्मनिर्भर भारत को नई उड़ान देने वाली होगी. इससे सामानों की सप्लाई से लेकर माल ढुलाई की लागत में भी कमी आएगी. कुल मिलाकर कहा जाए तो नई नेशनल लॉजिस्टिक नीति कोरोना से प्रभावित अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए शुरू की गई है.
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