सीनियर ने महिला जूनियर डॉक्टर के साथ की गंदी हरकत, हुई कार्रवाई
AajTak
ये मामला साउथ लंदन का है, जहां एक डॉक्टर ने अपनी जूनियर से कॉन्फ्रेंस के दौरान अजीबोगरीब डिमांड की, इसके बाद आरोपी डॉक्टर को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है.
एक स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर को जॉब से निकाल दिया गया है. दरअसल, इस आरोपी डॉक्टर ने अपनी जूनियर डॉक्टर को होटल रूम में कपड़े उतारने के लिए कहा था. जूनियर डॉक्टर का कसूर बस इतना था कि उसका एक जवाब गलत हो गया था. इम्पलॉयमेंट ट्रिब्यूनल में मामले की सुनवाई हुई. डेलीमेल की रिपोर्ट के मुताबिक, इस आरोपी डॉक्टर का नाम एडविन चंद्रहरण है. उसने एक कॉन्फ्रेंस के दौरान ये हरकत की. जूनियर डॉक्टर से उसने ये भी कहा कि ये एक स्पेशल ट्रेनिंग है. आरोपी डॉक्टर एडविन शादीशुदा है.
वहीं उसने जूनियर ट्रेनी डॉक्टर से कहा कि अपने कपड़े उतार दो. चंद्रहरण का कहना था कि उसकी (जूनियर डॉक्टर की) गलती से कोई मर सकता था. आरोपी डॉक्टर यहीं नहीं रुका, उसने इसके बाद जूनियर डॉक्टर से 'स्पेशल मसाज' की बात भी कही. ये सब कॉन्फ्रेंस के दौरान हुआ. इस मामले में इम्प्लॉयमेंट ट्रिब्यूनल में जब सुनवाई हुई तो सामने आया कि आरोपी डॉक्टर ने कॉन्फ्रेंस के दौरान एक अन्य जूनियर साथी डॉक्टर का भी यौन उत्पीड़न करने की कोशिश की. वह लगातार इस जूनियर डॉक्टर को मैसेज भेजकर भी तंग करने की कोशिश कर रहा था. इस मामले में डॉक्टर पर कार्रवाई हुई, जिसके तहत उसे साउथ लंदन में मौजूद सेंट जॉर्ज यूनिवर्सिटी हॉस्पिटलस एनएचएस फांउडेशन ट्रस्ट से निकाल दिया गया.
चंद्रहरण ने इस अस्पताल के लेबर वार्ड में 15 साल तक इंचार्ज के तौर पर काम किया था. वहीं वह इसी अस्पताल में फरवरी 2020 में क्लीनिकल डायरेक्टर भी रहा.
बचाव में क्या बोला डॉक्टर इम्प्लॉयमेंट ट्रिब्यूनल में जब इस मामले की सुनवाई हुई तो चंहरण ने सारे आरोपों से इंकार कर दिया. आरोपी डॉक्टर ने दावा किया सीनियर डॉक्टर ने उस महिला से जबरदस्ती ये आरोप लगवाए, क्योंकि वे सभी रेसिस्ट हैं और उसकी सफलता से उनको जलन थी. वहीं चंद्रहरण ने इस मामले में जूनियर डॉक्टर पर 20 करोड़ के मानहानि का केस करने की धमकी दी. इम्प्लॉयमेंट जज Tony Hyams-Parish ने डॉक्टर के दावों को नकार दिया है.
नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब चार जून को चुनावी नतीजे आ रहे थे, मैं काम में व्यस्त था. फोन कॉल आना शुरू हो गए थे. मैंने किसी से पूछा कि आंकड़े तो ठीक है लेकिन मुझे ये बताओ कि ईवीएम जिंदा है या मर गया. क्योंकि ये लोग (विपक्ष) तय करके बैठे थे कि भारत के लोकतंत्र और देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया में विश्वास ही उठ जाए और लगातार ये लोग ईवीएम को गाली दे रहे थे. मुझे तो लग रहा था कि इस बार ईवीएम की अर्थी लेकर जुलूस निकालेंगे.
देश में तीसरी बार एनडीए की सरकार बनने जा रही है. इस सरकार में बिहार की JDU और आंध्र प्रदेश की TDP अहम रोल निभाने जा रही है. दोनों ही क्षेत्रीय दल लंबे समय से अपने प्रदेशों को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग उठा रहे हैं. इस चुनाव में टीडीपी ने 16 सीटें और जेडी (यू) ने 12 सीटें जीतीं हैं. दोनों ही दल बीजेपी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का हिस्सा हैं.