सागर मर्डर केस: दिल्ली पुलिस को रेसलर सुशील कुमार की तलाश, ताबड़तोड़ छापेमारी
AajTak
एक पहलवान के मर्डर केस में ओलंपिक मेडल विजेता पहलवान सुशील कुमार और बाकी आरोपियों की तलाश में दिल्ली पुलिस की कई टीमें छापेमारी कर रही है.
ओलंपिक मेडल विजेता पहलवान सुशील कुमार को इन दिनों दिल्ली पुलिस तलाश रही है. दरअसल, दिल्ली के मॉडल टाउन इलाके में बने छत्रसाल स्टेडियम में पहलवानों के दो गुटों में झगड़ा हुआ था. इसमें 5 पहलवानों को गम्भीर चोट आई थी, सभी को एक निजी हॉस्पिटल मे भर्ती कराया गया था, जहां सागर नाम के एक पहलवान की इलाज के दौरान मौत हो गई थी. पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है. पुलिस अफसरों का कहना है कि यह जानलेवा मारपीट पहलवान सुशील कुमार, अजय, सोनू, सागर, प्रिंस और अमित के अलावा कई पहलवान के बीच में हुई थी, क्योंकि दिल्ली पुलिस ने चश्मदीदों के बयान और जांच के बाद एफआईआर में पहलवान सुशील कुमार का नाम लिखा है, इसलिए छापेमारी जारी है.नवाज शरीफ ने 25 साल बाद एक गलती स्वीकार की है. ये गलती पाकिस्तान की दगाबाजी की है. 20 फरवरी 1999 को दिल्ली से जब सुनहरी रंग की 'सदा-ए-सरहद' (सरहद की पुकार) लग्जरी बस अटारी बॉर्डर की ओर चली तो लगा कि 1947 में अलग हुए दो मुल्क अपना अतीत भूलाकर आगे चलने को तैयार हैं. लेकिन ये भावना एकतरफा थी. पाकिस्तान आर्मी के मन में तो कुछ और चल रहा था.
देश के ज्यादातर मैदानी इलाकों में पड़ रही प्रचंड गर्मी के बीच दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) वीके सक्सेना ने बड़ा फैसला लिया है. LG ने निर्देश दिया है कि इस भीषण गर्मी में मजदूरों को 12 बजे से लेकर 3 बजे तक काम से छुट्टी मिलेगी. साथ ही मजदूरों को मिलने वाली इस राहत के बदले कोई भी उनकी सैलरी नहीं काट सकेगा.
करीब सवा सौ गज के एक छोटे से मकान में यह अस्पताल चल रहा था. इस मकान की स्थिति ऐसी है कि वह किसी भी वक्त गिर सकता है. अस्पताल के ग्राउंड फ्लोर पर ऑक्सीजन के सिलेंडर बिखरे मिले. इनमें से कुछ सिलेंडर के परखचे उड़े हुए थे, क्योंकि आग लगने के बाद इनमें विस्फोट हुआ था अस्पताल में लगी आग को भयावह रूप देने में इन ऑक्सीजन सिलेंडर ने भी मदद की.