सांसों की तरह ही चलती रहती है ऑक्सीजन एक्सप्रेस...जानें कैसे पहुंचाई जा रही है O2
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कोविड-19 की दूसरी लहर में हर किसी की लड़ाई सांसों के साथ है. हर सांस के लिए जद्दोजहद हो रही है. राज्य कोई भी हो अस्पताल दर अस्पताल लोग ऑक्सीजन के लिए भटक रहे हैं. ऐसी किल्लत में भारतीय रेलवे द्वारा ऑक्सीजन एक्सप्रेस से एक महा अभियान शुरू किया गया है.
कोविड-19 की दूसरी लहर में हर मरीज सांसों के लिए लड़ रहा है. हर सांस के लिए जद्दोजहद हो रही है. राज्य कोई भी हो अस्पताल दर अस्पताल लोग ऑक्सीजन के लिए भटक रहे हैं. ऐसी किल्लत में भारतीय रेलवे द्वारा ऑक्सीजन एक्सप्रेस से एक महा अभियान शुरू किया गया है. बड़े-बड़े ऑक्सीजन टैंकरों को ट्रेनों पर लादकर झारखंड के बोकारो भेजा जा रहा है, जहां से वही ट्रेनें देश के अलग-अलग राज्यों को जान बचाने के लिए ऑक्सीजन मुहैया करवा रही हैं. इस महामिशन के पीछे न जाने कितने नायकों की शिद्दत और लगन है. पहली बार ऑक्सीजन एक्सप्रेस पर इंडिया टुडे आज तक की टीम सवार हुई.देश के ज्यादातर मैदानी इलाकों में पड़ रही प्रचंड गर्मी के बीच दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) वीके सक्सेना ने बड़ा फैसला लिया है. LG ने निर्देश दिया है कि इस भीषण गर्मी में मजदूरों को 12 बजे से लेकर 3 बजे तक काम से छुट्टी मिलेगी. साथ ही मजदूरों को मिलने वाली इस राहत के बदले कोई भी उनकी सैलरी नहीं काट सकेगा.
करीब सवा सौ गज के एक छोटे से मकान में यह अस्पताल चल रहा था. इस मकान की स्थिति ऐसी है कि वह किसी भी वक्त गिर सकता है. अस्पताल के ग्राउंड फ्लोर पर ऑक्सीजन के सिलेंडर बिखरे मिले. इनमें से कुछ सिलेंडर के परखचे उड़े हुए थे, क्योंकि आग लगने के बाद इनमें विस्फोट हुआ था अस्पताल में लगी आग को भयावह रूप देने में इन ऑक्सीजन सिलेंडर ने भी मदद की.