
'शहबाज की सरकार इजरायल समर्थक...', किस महिला के साथ बैठे ख्वाजा आसिफ कि भड़क गए पाकिस्तानी?
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पाकिस्तान के इजरायल के प्रति रुख में अचानक बदलाव देखने को मिल रहा है. संयुक्त राष्ट्र के एक सम्मेलन में हाल ही में पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ शामिल हुए और उनके साथ इजरायल समर्थक माने जानी वाली शमा जुनैजो बैठी दिखीं. इसे लेकर पाकिस्तानियों में काफी गुस्सा है और शहबाज शरीफ सरकार से सवाल किए जा रहे हैं.
इजरायल को लेकर पाकिस्तान के रुख में अचानक बदलाव आया है और इसे छिपाने की भरपूर कोशिश के बावजूद, उसका यह बदलाव दुनिया को साफ नजर आ रहा है. ट्रंप से मिलने के बाद इजरायल पर बदले रुख को लेकर पहले शहबाज शरीफ पाकिस्तानियों के निशाने पर थे और अब संयुक्त राष्ट्र की एक फोटो को लेकर पाकिस्तान में भारी गुस्सा है. यूएनजीए की एक फोटो सामने आई है जिसमें पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के पीछे शमा जुनैजो बैठी नजर आ रही हैं. शमा लंदन स्थित रिसर्चर हैं और उन्हें इजरायल समर्थक माना जाता है.
यूएनजीए से सामने आई फोटो में ख्वाजा आसिफ के पीछे शमा जुनैजो बैठी हैं और बड़ी शिद्दत से उनकी बातें सुन रही हैं. इस फोटो के सामने आने के बाद पाकिस्तान के लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर है. लोगों की तीखी प्रतिक्रिया सामने आने के बाद ख्वाजा आसिफ ने सफाई दी कि वो शमा को नहीं जानते और उनसे दूरी बनाई.
वहीं, पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने भी बयान जारी कर कहा, 'संबंधित व्यक्ति का नाम पाकिस्तान के प्रतिनिधिमंडल के आधिकारिक पत्र में शामिल नहीं था, जिस पर उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री के हस्ताक्षर थे, और जो 80वें यूएनजीए सेशन के लिए जारी किया गया था.'
वहीं, शमा जुनैजो ने दावा किया है कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने खुद उन्हें पाकिस्तान के संयुक्त राष्ट्र प्रतिनिधिमंडल में सलाहकार के रूप में शामिल किया था.
साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री से अपील की है कि रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ की उन टिप्पणियों पर ध्यान दें, जिनमें उन्होंने उनके यूएन में मौजूद होने पर सवाल उठाए हैं.
यह विवाद 25 सितंबर को तब शुरू हुआ जब ख्वाजा आसिफ ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) सत्र को संबोधित किया. सत्र की तस्वीरें सोशल मीडिया पर सामने आईं, जिनमें शमा जुनैजो उनके पीछे बैठी दिखाई दीं. इसके बाद शमा की पुरानी इजरायल समर्थक पोस्ट तेजी से वायरल होने लगीं और पाकिस्तानी अपनी सरकार की आलोचना करने लगे.

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