
शरीर में कमजोरी को मान बैठा कैंसर, फिर कर दी 12 साल के बेटे की हत्या, चौंका देगा यह मामला
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पुलिस ने 45 वर्षीय किसान को अपने नाबालिग बेटे की हत्या के आरोप गिरफ्तार कर लिया है. लड़के का शव बरामद होने के बाद, पोस्टमार्टम के दौरान डॉक्टरों ने निष्कर्ष निकाला कि उसका रस्सी से गला घोंटा गया था.
कैंसर की बीमारी से जुड़ी गलतफहमियों और असत्यापित सूचनाओं ने महाराष्ट्र के सतारा जिले के एक गांव में 12 वर्षीय लड़के की जान ले ली. द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, गत 23 दिसंबर को सतारा के कोरेगांव तहसील के हिवरे गांव के एक खेत में लड़के का शव मिला. स्थानीय लोगों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा और मामले की तफ्तीश शुरू की.
पुलिस को अपनी जांच में जो बात पता लगी वह हैरान करने वाली है. दरअसल, गांव के एक किसान को शरीर में कमजोरी महसूस हो रही थी- उसने मान लिया कि उसे कैंसर की बीमारी हो गई है. उसने इस डर से अपने 12 वर्षीय बेटे को इसलिए मार डाला कि कहीं बच्चा भी इस बीमारी की चपेट में न आ जाए. पुलिस के मुताबिक किसान को यह भी चिंता था कि उसके न रहने पर बेटे की देखभाल कौन करेगा.
पुलिस को पोस्टमार्टम रिपोर्ट देखने पर हुआ शक
पुलिस ने 45 वर्षीय किसान को अपने नाबालिग बेटे की हत्या के आरोप गिरफ्तार कर लिया है. लड़के का शव बरामद होने के बाद, पोस्टमार्टम के दौरान डॉक्टरों ने निष्कर्ष निकाला कि उसका रस्सी से गला घोंटा गया था. सतारा के पुलिस अधीक्षक समीर शेख ने मामले की जांच के लिए लोकल क्राइम विंग और वाथर पुलिस स्टेशन के कर्मियों की एक टीम बनाई. गवाहों से पूछताछ करने पर, जांच टीम को अपराध में लड़के के पिता विजय खटाल की संलिप्तता मिली.
आरोपी ने शरीर में कमजोरी को मान लिया कैंसर
एसपी समीर शेख ने मामले की जानकरी देते हुए बताया, 'आरोपी विजय खटाल का मानना था कि उसे कैंसर है और उसके बेटे को भी यह बीमारी हो सकती है. खटाल को यह भी डर था कि उसके पास जीने के लिए कुछ ही महीने बचे हैं और मृत्यु के बाद उसके इकलौते बच्चे की देखभाल करने के लिए कोई नहीं बचेगा. विजय खटाल को वास्तव में कभी कैंसर नहीं हुआ था. वह कमजोरी महसूस कर रहा था और उसने इसे कैंसर मान लिया'.

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