वैक्सीन पेंटेंट में छूट पर क्या है भारत और साउथ अफ्रीका का प्रस्ताव, जिसपर साथ आ गया US
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अब वैक्सीन पर किसी का पेटेंट रहने की संभावना हट सकती है. भारत द्वारा दिए गए एक प्रस्ताव पर अमेरिका ने समर्थन जता दिया है. ऐसे में अगर ये प्रस्ताव वैश्विक स्तर पर मंजूर होता है, तो जल्द ही बड़ी मात्रा में वैक्सीन का प्रोडक्शन हो पाएगा. जो कोरोना के खिलाफ लड़ाई में कारगर होगा.
दुनिया पिछले दो साल से कोरोना महामारी का मुकाबला कर रही है. कई देशों में इस वक्त कोरोना की ताजा लहर ने कहर बरपाया हुआ है, जिसमें भारत भी शामिल है. इस महामारी को मात देने का एक मात्र उपाय वैक्सीनेशन ही नज़र आता है. लेकिन दुनिया में इस वक्त उस हिसाब से वैक्सीन का प्रोडक्शन नहीं हो रहा है, जितनी की देशों के पास डिमांड है. इस सबके बीच एक राहत की खबर आई है अब वैक्सीन पर किसी का पेटेंट रहने की संभावना हट सकती है. भारत द्वारा दिए गए एक प्रस्ताव पर अमेरिका ने समर्थन जता दिया है. ऐसे में अगर ये प्रस्ताव वैश्विक स्तर पर मंजूर होता है, तो जल्द ही बड़ी मात्रा में वैक्सीन का प्रोडक्शन हो पाएगा. जो कोरोना के खिलाफ लड़ाई में कारगर होगा. वैक्सीन पेटेंट पर भारत का प्रस्ताव क्या है? कोरोना से जारी जंग को अब दो साल होने को हैं, ऐसे में पिछले साल अक्टूबर में भारत और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों ने वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन के सामने एक प्रस्ताव रखा था कि जबतक कोरोना महामारी का संकट है, तबतक वैक्सीन प्रोडक्शन पर से पेटेंट हटा दिया जाए. इससे वैक्सीन प्रोडक्शन बढ़ाने में आसानी होगी.जम्मू के रियासी जिला अस्पताल में आतंकी हमले के बाल बच्चे भर्ती हैं. इन मासूम बच्चों को देखकर किसी का भी कलेजा फट सकता है. आतंकवादियों ने जो बर्बरता की है, उसके प्रमाण आप देख सकते हैं. श्रद्धालुओं ने जब आतंकवादी हमले की कहानी सुनाई, तो दिल दहल गया. आप उन आतंकवादियों की बर्बरता का अंदाजा नहीं लगा सकते.
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