
विवाद, केस और दावे... औरंगजेब के काल से आज तक, जानिए 353 साल पुराने ज्ञानवापी केस की पूरी कहानी
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उत्तर प्रदेश के वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद में कोर्ट के आदेश के बाद आज सर्वे का काम शुरू हो गया है. वजूखाने को छोड़कर बाकी सर्वे किया जा रहा है. सर्वे के बाद भारतीय पुरातत्व विभाग यानि एएसआई को 4 अगस्त को कोर्ट में अपनी रिपोर्ट दाखिल करनी है.
काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद का 32 साल पुरान केस एक बार फिर सुर्खियों में हैं, हालांकि इसका इतिहास 350 साल से भी ज्यादा पुराना है. कोर्ट के आदेश के बाद भारतीय पुरातत्व विभाग (ASI) ने सोमवार सुबह ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में अदालती आदेश के मुताबिक अपना सर्वे शुरू कर दिया. 21 जुलाई को जिला जज डॉ. अजय कृष्ण ने सील वजूखाने को छोड़कर ज्ञानवापी परिसर में सर्वे का आदेश दिया था. आज जो चार टीमें सर्वे कर रही है उमें 43 सदस्य हैं, जिनके साथ चार वकील भी हैं.
क्या है मामला?
दरअसल, अगस्त 2021 में पांच महिलाओं ने वाराणसी के सिविल जज (सीनियर डिविजन) के सामने एक वाद दायर किया था. इसमें उन्होंने ज्ञानवापी मस्जिद के बगल में बने श्रृंगार गौरी मंदिर में रोजाना पूजा और दर्शन करने की अनुमति देने की मांग की थी. महिलाओं की याचिका पर जज रवि कुमार दिवाकर ने मस्जिद परिसर का एडवोकेट सर्वे कराने का आदेश दिया था. कोर्ट के आदेश पर पिछले साल तीन दिन तक सर्वे हुआ था. सर्वे के बाद हिंदू पक्ष ने यहां शिवलिंग मिलने का दावा किया था. दावा था कि मस्जिद के वजूखाने में शिवलिंग है. हालांकि, मुस्लिम पक्ष का कहना था कि वो शिवलिंग नहीं, बल्कि फव्वारा है जो हर मस्जिद में होता है.
इसके बाद हिंदू पक्ष ने विवादित स्थल को सील करने की मांग की थी. सेशन कोर्ट ने इसे सील करने का आदेश दिया था. इसके खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. SC ने केस जिला जज को ट्रांसफर कर इस वाद की पोषणीयता पर नियमित सुनवाई कर फैसला सुनाने का निर्देश दिया था. मुस्लिम पक्ष की ओर से यह दलील दी गई थी कि ये प्रावधान के अनुसार और उपासना स्थल कानून 1991 के परिप्रेक्ष्य में यह वाद पोषणीय नहीं है, इसलिए इस पर सुनवाई नहीं नहीं हो सकती है. हालांकि, कोर्ट ने इसे सुनवाई योग्य माना था.
इसके बाद पांच वादी महिलाओं में से चार ने इसी साल मई में एक प्रार्थना पत्र दायर किया था. किया था. इसमें मांग की गई थी कि ज्ञानवापी मस्जिद के विवादित हिस्से को छोड़कर पूरे परिसर का ASI से सर्वे कराया जाए. इसी पर जिला जज एके विश्वेश ने अपना फैसला सुनाते हुए ASI सर्वे कराने का आदेश दिया था.

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