
विवादों के बीच खुद कहां हैं पूजा खेडकर? मां मनोरमा के घर से लाइसेंसी पिस्तौल और गोलियां बरामद
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पुणे में खेडकर परिवार के बानेर रोड बंगले पर कुछ दिनों से ताला लगा हुआ था. लेकिन अब अचानक ये ताला खोल दिया गया है. बंगले के अंदर कौन लोग हैं इसकी जानकारी नहीं मिल पा रही है. अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि वाशिम छोड़ने के बाद ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर कहां गईं.
पुणे ग्रामीण पुलिस ने ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर की मां मनोरमा खेडकर के घर से एक .25 वेब्ले एंड स्कॉट लाइसेंसी पिस्तौल और तीन गोलियां बरामद की हैं. बता दें कि मनोरमा ने 5 जून 2023 को मुलशी तहसील के धाधावली गांव में कुछ किसानों पर यही पिस्टल लहराया था. मनोरमा और उनके पति दिलीप खेडकर की किसानों से भूमि विवाद को लेकर बहस हुई थी, जिसके बाद उन्होंने पिस्टल दिखाकर उन्हें धमकाने की कोशिश की थी. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर गत दिनों वायरल हुआ था.
पुलिस ने मनोरमा, दिलीप और पांच अन्य के खिलाफ हत्या के प्रयास, दंगा, धमकी और आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है. मनोरमा को गुरुवार को रायगढ़ जिले के महाड तालुका के हिरकनिवाड़ी में एक होमस्टे से गिरफ्तार किया गया था. पौड की एक अदालत ने उनको 20 जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया था. वहीं, उनके पति दिलीप पुणे में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अजीत मारे की अदालत से 25 जुलाई तक अंतरिम अग्रिम जमानत प्राप्त करने में कामयाब रहे.
पुलिस अधीक्षक (पुणे ग्रामीण) पंकज देशमुख ने कहा, 'हमारी लोकल क्राइम ब्रांच टीम ने शुक्रवार को दोपहर 12.30 बजे से 2 बजे के बीच बानेर में मनोरमा के बंगले की तलाशी. इस दौरान तीन जिंदा कारतूस, एक पिस्तौल और उसका लाइसेंस बरामद हुआ. परिवार के सदस्यों और कुछ अन्य लोगों की उपस्थिति में तलाशी ली गई. वीडियोग्राफी की गई. ऐसा कुछ भी नहीं मिला जिसे आपत्तिजनक कहा जा सके.' एसपी देशमुख ने कहा कि मनोरमा से हिरासत में पूछताछ के दौरान, उन्होंने घटना के समय अपने साथ आए बाउंसरों और अन्य लोगों की पहचान की.
पुलिस अधिकारी ने कहा, 'हम एफआईआर में नामित अन्य सभी लोगों की व्यक्तिगत भूमिकाएं स्थापित करेंगे और उनकी गिरफ्तारी पर फैसला लेंगे.' पुलिस ने कहा कि अदालत द्वारा दी गई अंतरिम सुरक्षा के कारण हम अब दिलीप को 25 जुलाई तक गिरफ्तार नहीं करेंगे. पुलिस द्वारा मामले में हत्या के प्रयास की धारा नहीं जोड़े जाने पर दिलीप ने मंगलवार 16 जुलाई को अग्रिम जमानत याचिका दायर की. दंगा, धमकी और शस्त्र अधिनियम के उल्लंघन के अन्य सभी अपराध जमानती थे.
अदालत ने निर्देश दिया कि याचिका की सुनवाई और अंतिम निपटारा होने तक, गिरफ्तारी की स्थिति में, दिलीप को 30,000 रुपये के निजी बांड और इतनी ही राशि की एक या अधिक जमानत राशि देने पर रिहा किया जाना चाहिए. अदालत ने दिलीप को शिकायतकर्ता और गवाहों से किसी भी संचार माध्यम से संपर्क करने या उन्हें प्रभावित करने की कोशिश नहीं करने की हिदायत दी. देशमुख ने कहा, 'हम दिलीप खेडकर को 25 जुलाई तक गिरफ्तार नहीं करेंगे. हम अदालत के संज्ञान में लाकर अगली सुनवाई में उन्हें मिली जमानत का विरोध करेंगे. मामले में हत्या के प्रयास का आरोप जोड़ा गया है.'
वाशिम छोड़ने के बाद से पूजा का नहीं है अता-पता

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