
विधानसभा में सिर्फ एक ही शिवसेना, शिंदे गुट के व्हिप का सभी को करना होगा पालन, बोले स्पीकर राहुल नार्वेकर
AajTak
महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर का फैसला आने के बाद सबसे बड़ी चर्चा यही है कि उद्धव गुट के आदित्य ठाकरे समेत 15 शिवसेना विधायकों का अब क्या भविष्य होगा? इस संबंध में स्पीकर ने आजतक से बातचीत की और व्हिप से लेकर बैठक व्यवस्था पर चर्चा की.
महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष ने एकनाथ शिंदे के गुट को असली शिवसेना माना है. उसके बाद यह सवाल उठने लगे हैं कि उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना और उसके 14 विधायकों का सियासी भविष्य क्या होगा? शुक्रवार को स्पीकर राहुल नार्वेकर ने आजतक से बातचीत की और स्थिति स्पष्ट की है. नार्वेकर ने कहा, शिंदे गुट की तरफ से जो व्हिप जारी होगा, वो सबके लिए लागू होगी. उन्होंने यह भी कहा कि विधानसभा में बैठक व्यवस्था में भी कोई बदलाव नहीं होगा. यानी आने वाले समय में भी उद्धव गुट के विधायक विपक्ष की बेंच पर ही बैठे देखे जाएंगे.
दरअसल, शिंदे और उद्धव गुट ने एक-दूसरे के खिलाफ दल-बदल विरोधी कानून के तहत विधायकों को अयोग्य घोषित करने के लिए याचिकाएं दायर की थीं. इस संबंध में दो दिन दिन पहले ही स्पीकर ने फैसला सुनाया और शिंदे गुट को ही असली शिवसेना माना है. स्पीकर का कहना था कि शिंदे गुट के विधायकों को अयोग्य घोषित नहीं किया जा सकता है. विधानसभा के अंदर शिवसेना में शिंदे गुट का व्हिप लागू होगा. स्पीकर ने उद्धव गुट के बाकी 14 (आदित्य ठाकरे का पिटीशन में नाम नहीं) विधायकों का व्हिप नहीं मिलने पर अयोग्य घोषित नहीं किया है. ऐसे में उनके स्टेटस पर चर्चाएं हो रही हैं.
'चुनाव आयोग ने अपने आदेश में सब तय कर दिया'
नार्वेकर का कहना था कि मैंने सिर्फ 21 जून 2022 को क्या परिस्थिति थी, उसके बारे में निर्णय दिया है. वर्तमान में क्या परिस्थिति है, पार्टी किसकी है, असेंबल किसका है और नाम कौन यूज कर सकता है, ये सारी बातें चुनाव आयोग ने तय की हैं. जनवरी 2023 में चुनाव आयोग के ऑर्डर के हिसाब से पार्टी का आगामी भविष्य निर्भर रहेगा. जहां तक शिवसेना विधिमंडल का सवाल आता है, वो हमारे लिए एक (शिंदे गुट) ही है. शिवसेना के लिए जो व्हिप रहेगा, वो सबके लिए लागू होगा.
'मैं सिर्फ विधानसभा के नियम बता सकता'
जब स्पीकर से पूछा गया कि क्या शिवसेना के सभी 54 विधायक एक ही हैं तो उन्होंने कहा, विधायक दल के बारे में हमारे पास ऐसा कोई मामला नहीं आया है. लीगल सब्मिशन के बारे में कुछ कह नहीं सकता हूं. मैं सिर्फ विधानसभा के नियम बता सकता हूं. हर विधिमंडल दल को अपना नेता, व्हिप चुनने का अधिकार है. हमारा काम सिर्फ उन्हें रिकॉग्निशन देना है. व्हिप फॉलो करना या नहीं करना... यदि नहीं किया गया तो क्या कार्रवाई करनी चाहिए- ये उस विधिमंडल दल के नेता और सदस्यों का अंदरुनी मसला होता है.

नवंबर में गाजियाबाद देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा, जबकि दिल्ली चौथे स्थान पर रही. उत्तर प्रदेश और हरियाणा के कई शहरों ने भी उच्च PM2.5 स्तर दर्ज किए. पराली जलाने का प्रभाव कम होने के बावजूद प्रदूषण अधिक रहा. शिलांग सबसे स्वच्छ शहर रहा. रिपोर्ट ने वर्षभर के प्रदूषण के मुख्य स्रोत परिवहन, उद्योग और ऊर्जा संयंत्र बताए हैं.

लोकसभा में शुक्रवार को कई प्राइवेट मेंबर बिल पेश किए गए, जिनमें सुप्रिया सुले का राइट टू डिस्कनेक्ट बिल, 2025 शामिल है, जो कर्मचारियों को ऑफिस समय के बाद काम से जुड़े कॉल और ईमेल से मुक्त रहने का अधिकार देने का प्रस्ताव करता है. कांग्रेस सांसद कडियम काव्या का मेनस्ट्रुअल बेनिफिट्स बिल, 2024 और लोजपा सांसद शंभवी चौधरी का बिल महिलाओं और छात्राओं के लिए पेड पीरियड लीव सुनिश्चित करने पर केंद्रित है.

दिल्ली के टिकरी कलां में एक किराना दुकान में आग लगने से पति-पत्नी की दम घुटने से मौत हो गई. दुकान के अंदर धुआं भरने के बीच करंट लगने के कारण शटर नहीं खुल पाया और दोनों बाहर नहीं निकल सके. पुलिस ने बताया कि आग शॉप काउंटर में शॉर्ट सर्किट से लगी, जिससे प्लास्टिक सामग्री ने आग पकड़ ली और धुआं तेजी से फैल गया. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

इंडिगो संचालन संकट के कारण कई उड़ानें रद्द होने और क्षमता घटने से अचानक बढ़े किरायों पर रोक लगाने के लिए सरकार ने घरेलू उड़ानों पर अधिकतम किराया सीमा लागू कर दी है, जिसके तहत 500 किमी तक 7,500 रुपये, 500–1000 किमी के लिए 12,000 रुपये, 1000–1500 किमी के लिए 15,000 रुपये और 1500 किमी से अधिक दूरी के लिए 18,000 रुपये से ज्यादा किराया नहीं लिया जा सकेगा.

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इंडिगो को निर्देश दिया है कि सभी लंबित रिफंड 7 दिसंबर रात 8 बजे तक बिना देरी पूरी तरह लौटा दिए जाएं और रद्द हुई उड़ानों से प्रभावित यात्रियों से कोई री-शेड्यूलिंग शुल्क न लिया जाए. मंत्रालय ने स्पेशल पैसेंजर सपोर्ट और रिफंड सेल बनाने, प्रभावित यात्रियों से खुद संपर्क करने और ऑटोमेटिक रिफंड सिस्टम जारी रखने को कहा है.

श्रीनगर इन दिनों एक ब्लैक बियर से परेशान है. कभी NIT कैंपस, कभी कश्मीर यूनिवर्सिटी, तो कभी SKIMS... अब यह भालू निगीन झील के आसपास घूमता दिखा है. विभाग ने शहरभर में बड़े पैमाने पर ऑपरेशन शुरू किया है, जिसमें ड्रोन, ट्रैंक्विलाइजर गन, रैपिड-रिस्पॉन्स टीमें और एंबुलेंस तैनात हैं. अधिकारियों ने कहा है कि बाहर केवल जरूरत होने पर ही निकलें.

इंडिगो के ऑपरेशनल संकट का असर 6 दिसंबर को भी खत्म नहीं हुआ. देश के कई बड़े एयरपोट्स पर आज सैकड़ों उड़ानें रद्द कर दी गईं, जिससे हजारों यात्री परेशान देखे गए. कई एयरपोर्ट पर यात्रियों को घंटों कतार में खड़ा रहना पड़ा. कुछ जगह इंडिगो के काउंटर्स पर सहयोग ना करने की शिकायतें सामने आईं. कंपनी लगातार शेड्यूल में बड़े बदलाव कर रही है. अब तक 11 बड़े एयरपोर्ट्स पर कुल 571 फ्लाइट्स रद्द हो चुकी हैं.






