
वाराणसी: ज्ञानवापी मस्जिद का क्या है विवाद, क्या है तमाम पक्षों की दलील, किसका क्या है दावा?
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ज्ञानवापी परिसर में सर्वे के लिए नियुक्त कोर्ट कमिश्नर को बदलने और मस्जिद के तहखाने में भी सर्वे और वीडियोग्राफी कराने पर सिविल जज (सीनियर डिविजन) की अदालत में बुधवार को तीसरे दिन सुनवाई पूरी हो गई थी. अब फैसले की बारी है.
ज्ञानवापी मस्जिद और श्रृंगार गौरी मंदिर विवाद पर आज (12 मई) फैसला आना है. इससे पहले अदालत के आदेश के हिसाब से हुए सर्वे और कोर्ट कमिश्नर को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं. वीडियोग्राफी करने गए व्यक्ति ने मस्जिद परिसर में कुछ ऐसी निशानियों के मौजूद होने का दावा किया है, जो इसके मंदिर होने की तरफ इशारा करती है. वहीं, मुस्लिम पक्ष ने सर्वे और वीडियोग्राफी करने गए कोर्ट कमिश्नर पर ही सवाल उठा दिए. ऐसे में अब कोर्ट जो भी फैसला सुनाता है, उससे जुड़े पूरे मसले को जानना जरूरी है. इस विवाद में शामिल पक्ष अब तक क्या दलील पेश किए हैं और उनका दावा क्या है?
रोक दिया गया था सर्वे
वादी हिंदू पक्ष ने ज्ञानवापी परिसर के अंदर सर्वे कराए जाने की मांग अदालत से की थी, जिसपर अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी ने अपना पक्ष रखने के लिए अदालत से बुधवार तक का समय मांगा था. जब 6 मई से ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में सर्वे शुरू हुआ तो महज डेढ़ दिन बाद ही मुस्लिम पक्ष ने सर्वे के लिए अदालत की तरफ से नियुक्त किए गए कोर्ट कमिश्नर की निष्पक्षता पर ही सवाल उठा दिए. बड़ा हंगामा हुआ और सर्वे फिर रोक दिया गया था.
ज्ञानवापी के बारे में जो सबसे प्रचलित मान्यता है वो ये है कि इस मस्जिद का निर्माण सन 1664 में मुगल शासक औरंगजेब ने करवाया था. ये भी कहा जाता है कि इस मस्जिद के बनने से पहले यहां मंदिर हुआ करता था और औरंगजेब ने वो मंदिर ध्वस्त कर उसके अवशेषों का इस्तेमाल कर इस मस्जिद का निर्माण करवाया.
मामला 1991 से अदालत में है
इस मामले में साल 1991 में सोमनाथ व्यास, रामरंग शर्मा और हरिहर पांडेय ने वादी के तौर पर प्राचीन मूर्ति स्वयंभू भगवान विशेश्वर की ओर से अदालत में मुकदमा दायर किया. ज्ञानवापी मस्जिद का मामला 1991 से अदालत में है, लेकिन मां श्रृंगार गौरी काम मामला महज 7-8 महीने पुराना है, 18 अगस्त, 2021 में वाराणसी की एक अदालत में यहां की 5 महिलाओं ने मां श्रृंगार गौरी के मंदिर में पूजा-अर्चना की मांग की. इस याचिका को स्वीकार करते हुए अदालत ने श्रृंगार गौरी मंदिर की मौजूदा स्थिति को जानने के लिए एक कमीशन का गठन किया. इसी कड़ी में कोर्ट ने श्रृंगार गौरी की मूर्ति और ज्ञानवापी परिसर में वीडियोग्राफी कराकर सर्वे रिपोर्ट देने को कहा था और हंगामा छिड़ गया.

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