
'वायरस न लग जाए', उन मां-बेटी की कहानी जो कोरोना शुरू होने के बाद 3 साल से कमरे में लॉक थीं, पुलिसवालों ने दरवाजा तोड़कर निकाला
AajTak
डॉक्टर का कहना है कि महिलाएं सिज़ोफ्रेनिया से पीड़ित हैं और पिछले सात साल से उनका इलाज चल रहा था, लेकिन कोरोना के डर ने शायद उनकी इस बीमारी को बढ़ा दिया है.
दुनिया भर में एक बार फिर कोरोना का कोहराम मचता नजर आ रहा है. चीन में एक बार फिर से कोरोना बेकाबू है. जिसको लेकर सभी देश चिंता में हैं. इस महामारी ने जहां एक तरफ मौत का तांडव मचाया तो दूसरी तरफ लोगों को दिमागी तौर से भी काफी चोट पहुंचाई. कोरोना के दौरान लागू किये गए लॉकडाउन के चलते डिप्रेशन के मामलों में इजाफा देखा गया. कुछ मामले तो इस कदर परेशान करने वाले थे कि डिप्रेशन से जूझते हुए लोग आत्महत्या की तरफ बढ़ गए. इसी कड़ी में आंध्रप्रदेश के काकीनाडा से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है जिसमें एक 44 वर्षीय महिला के मणि और उनकी 21 वर्षीय बेटी के दुर्गा भवानी ने अपने घर के एक छोटे से कमरे में खुद को बंद कर लिया.
दोनों ने वायरस की चपेट में आने के डर से खुद को पिछले तीन साल से एक कमरे में बंद कर रखा है. बंद भी ऐसा कि बीते तीन साल से उन्होंने ना ही किसी बाहरी व्यक्ति से मुलाकात की और ना ही सूरज की रौशनी देखी. चार महीने पहले महिला ने अपने पति सुरी बाबू से मिलने से भी इनकार कर दिया, तब जब वो उनके लिए खाना लेकर पहुंचा था. लेकिन हाल ही में कमरे के अंदर से चीखने की आवाज सुनकर वो घबरा गया और तत्काल अथॉरिटी के अधिकारियों को सूचना दी. जिसके बाद पुलिस और अथॉरिटी के अधिकारियों ने मिलकर कमरे का दरवाज़ा तोड़ा.
कमरे का दरवाजा खुलते ही हर कोई कमरे की हालत देखकर हैरान था. कमरे में सब अस्त-व्यस्त था और दोनों मां-बेटी एक कंबल में छिपे हुए थे. कई घंटों चली मशक्कत के बाद दोनों को कमरे से बाहर आने के लिए राजी किया जा सका. जिसके बाद दोनों को पास के ही एक अस्पताल में एडमिट कराया गया. जहां डॉक्टर दोनों की मानसिक और शारीरिक स्थिति की जांच भी हुई. जिसमें डॉक्टर्स का कहना है कि दोनों ही शारीरिक रूप से तो स्थिर हैं लेकिन मानसिक स्थिति को समझने के लिए एक मनोचिकित्सक की निगरानी में रखा गया है.
डॉक्टर का कहना है कि महिलाएं सिज़ोफ्रेनिया से पीड़ित हैं और पिछले सात साल से उनका इलाज चल रहा था, लेकिन कोरोना के डर ने शायद उनकी इस बीमारी को बढ़ा दिया है. एक सब्जी विक्रेता, सुरी बाबू ने कहा कि यह सब महामारी के शुरुआती दिनों में महिलाओं को मास्क पहनने और घर के अंदर रहने के लिए कहने के साथ शुरू हुआ. उन्होंने कहा कि कोविड से हुई मौतों के बारे में सुनकर दोनों ने खुद को कमरे में बंद कर लिया. वहीं दूसरी तरफ पुलिस का कहना है कि दुर्गा, स्प्रिचुअल किताबें पढ़ती थी और उसे लगता था कि कोई उसे और उसके परिवार को मारने के लिए जादू-टोना कर रहा है. ये भी देखें -

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.

देश की किफायत विमानन कंपनी इंडिगो का ऑपरेशनल संकट जारी है. इंडिगो को पायलट्स के लिए आए नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों को लागू करने में भारी दिक्कत आ रही है. इस बीच आज इंडिगो की 1000 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो गई है, जिस पर कंपनी के सीईओ का पहला बयान सामने आया है. इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने इंडिगो ऑपरेशनल संकट पर पहली बार बयान देते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से विमानन कंपनी के कामकाज में दिक्कतें आ रही हैं. कंपनी का कामकाज पांच दिसंबर को सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. आज 100 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हुई हैं.

संसद के शीतकालीन सत्र में 8 और 9 दिसंबर 2025 को राष्ट्रगीत वंदे मातरम् पर दोनों सदनों में विशेष चर्चा होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री इस चर्चा को संबोधित करेंगे. चर्चा का उद्देश्य वंदे मातरम् के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान, ऐतिहासिक महत्व और वर्तमान प्रासंगिकता को उजागर करना है.

भारत-रूस बिजनेस फोरम में पीएम मोदी ने कहा कि भारत और रूस के बीच संबंध मजबूत हो रहे हैं और दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण लक्ष्यों को निर्धारित किया है. राष्ट्रपति पुतिन के साथ चर्चा में यह स्पष्ट हुआ कि व्यापार लक्ष्य समय से पहले पूरा किया जाएगा. कई क्षेत्रों जैसे लॉजिस्टिक्स, कनेक्टिविटी, मरीन प्रोडक्ट्स, ऑटोमोबाइल, फार्मा, और टेक्सटाइल में सहयोग को आगे बढ़ाया जा रहा है.

जम्मू-कश्मीर के 711 अग्निवीर आज भारतीय सेना का हिस्सा बन गए हैं. श्रीनगर स्थित जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट सेंटर में इन्हें कठोर प्रशिक्षण दिया गया, जिसके बाद ये अग्निवीर देश की सुरक्षा के लिए सीमाओं पर तैनात होंगे. इससे न केवल भारतीय सेना की क्षमता में वृद्धि हुई है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा भी मजबूत हुई है.







