लाउडस्पीकर का शोर, सियासत पर जोर, चित्रा त्रिपाठी के साथ देखें दंगल
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देश में इन दिनों एक बड़े मुद्दे पर चर्चा गरम है. मुसीबत लाउडस्पीकर की है और शोर सियासत में है. महाराष्ट्र में राज ठाकरे ने एक वाजिब मुद्दा उठाया था. शोर की समस्या वाजिब समस्या थी. उसका धर्म मजहब पंथ से कोई लेना देना नहीं था. लेकिन राज ठाकरे की उस मांग पर महाराष्ट्र में सियासत शुरू हो गई और उत्तर प्रदेश में एक्शन. देखते ही देखते सरकार की अपील और उत्तर प्रदेश के जागरूक लोगों की कोशिश कामयाब हुई. यूपी में ग्यारह हजार से ज्यादा शोर मचाने वाले लाउडस्पीकर उतार दिये गये. 35 हजार लाउडस्पीकर्स की आवाज कम कर दी गई और वो भी बिल्कुल सौहार्द्रपूर्ण तरीके से. उधर महाराष्ट्र में लाउडस्पीकर का नाम लेते ही सियासत शुरू हो गई. देखें दंगल.
दिल्ली में लगातार जल संकट बढ़ रहा है. कई इलाके पानी की भारी किल्लत से जूझ रहे हैं. मामला सुप्रीम कोर्ट तक चला गया, लेकिन इस संकट का कोई समाधान नहीं निकल पा रहा है. SC ने आम आदमी पार्टी की सरकार से साफ कह दिया कि वो इस मामले में अपर यमुना रिवर बोर्ड में जाएं और मानवीय आधार पर अतिरिक्त पानी की मांग करें. हिमाचल सरकार ने पहले 137 क्यूसेक अतिरिक्त पानी उपलब्ध कराने की बात कही थी.