लखीमपुर कांड: मां ने कहा- बेटियों को घसीटकर ले गए, पुलिस बोली- खुद बाइक पर बैठकर गईं थीं
AajTak
मामला लखीमपुर के निघासन थाना इलाके के तमोलीन पुरवा गांव का है. यहां दो सगी बहनों के शव एक खेत में पेड़ पर लटके मिले थे. पुलिस ने इस मामले में पीड़ित परिवार की तहरीर पर मामला दर्ज किया है. पुलिस ने घर में घुसकर मारपीट, बलात्कार (376), हत्या (302) और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया. मामले में सभी 6 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं.
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर में दो बहनों की मौत के मामले में परिजन और पुलिस के अलग अलग दावे हैं. जहां मृतक लड़कियों की मां का दावा है कि तीन लड़के उनकी बेटियों को बाइक से अगवा करके ले गए. वहीं, पुलिस का कहना है कि लड़कियों का अपहरण नहीं हुआ था, वे अपनी मर्जी से बाइक पर बैठकर गईं. आरोपी पहले से मृतक लड़कियों को जानते थे. आईए जानते हैं कि पुलिस और परिजन इस पूरे मामले में क्या क्या दावे कर रहे हैं?
क्या है पूरा मामला? मामला लखीमपुर के निघासन थाना इलाके के तमोलीन पुरवा गांव का है. यहां दो सगी बहनों के शव एक खेत में पेड़ पर लटके मिले थे. पुलिस ने इस मामले में पीड़ित परिवार की तहरीर पर मामला दर्ज किया है. पुलिस ने घर में घुसकर मारपीट, बलात्कार (376), हत्या (302) और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया. मामले में सभी 6 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं.
परिवार का क्या है दावा?
मृतक लड़कियों की मां ने बताया कि बड़ी बेटी 17 और छोटी 15 साल की थी. दोनों घर के बाहर बैठी हुई थीं, इस बीच जब वह घर के अंदर गई तभी बाइक सवार 3 युवक पहुंच गए. उन तीनों मे से 2 लड़कों ने बेटियों को घसीटकर बाइक पर बैठा लिया और फरार हो गए. उसके बाद दोनों बेटियों के शव पेड़ पर लटके मिले थे.
मां बोलीं- घसीटकर ले गए लड़कियों को
लड़कियों की मां ने बताया, 'मैं जैसे ही अंदर गई तभी बाइक पर आए पीली शर्ट और सफेद शर्ट पहने दो लड़के बेटियों को घसीटने लगे, जबकि नीली शर्ट वाले युवक ने गाड़ी स्टार्ट की और उन्हें लेकर भाग गए. महिला ने कहा कि इस दौरान मेरे कपड़े भी फट गए. यह तीनों लड़के रोज आते थे.'' उनके मुताबिक, तीनों ही लालपुर के रहने वाले थे. घटना के बाद पुलिस को डायल 112 के जरिए शाम करीब 5 बजकर 40 मिनट पर इसकी सूचना मिली थी. पुलिस मौके पर पहुंची तो पिता ने बताया, मेरी दोनों बेटियां दोपहर 2 बजे से गायब थीं. उनका अपहरण हो गया था. इसके बाद दोनों लड़कियों की लाश पेड़ से लटकी हुई मिली.
महाराष्ट्र के फायर ब्रांड नेता राज ठाकरे ने गुरुवार को मनसे कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि हमें 20 सीटें क्यों मांगनी चाहिए, हम 200 से 225 सीटों के लिए तैयारियां कर रहे हैं. महाराष्ट्र के लोग मनसे का इंतजार कर रहे है. इस दौरान उन्होंने अपने भाई उद्धव ठाकरे और उनकी पार्टी पर जमकर निशाना साधा.
NEET परीक्षा में दिए गए ग्रेस मार्क्स को खत्म कर दिया गया है. ग्रेस नंबर वाले 1563 उम्मीदवारों को फिर से परीक्षा देने का विकल्प होगा. NTA ने सुप्रीम कोर्ट में दिए जवाब में कहा है कि जो उम्मीदवार फिर से परीक्षा देना नहीं चाहते उनके स्कोरकार्ड बदले जाएंगे और उन्हें बिना ग्रेस के नंबर दिए जाएंगे. देखें 'ब्रेकिंग न्यूज'.
अजित पवार की एनसीपी में पद और कद के लिए जोर आजमाइश हो रही है. प्रफुल्ल पटेल सीनियरिटी का हवाला देकर केंद्र में राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) का पद ठुकरा चुके हैं, तो सुनील तटकरे भी बतौर इकलौते लोकसभा सांसद अपने लिए मंत्रीपद चाहते हैं. वहीं अब पार्टी ने अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार को राज्यसभा भेजने का फैसला किया है तो इस निर्णय से एनसीपी के ओबीसी चेहरे छगन भुजबल नाराज नजर आ रहे हैं.
'भारत की अभेद्य सुरक्षा और अजेय सेना...', रक्षा मंत्री का कार्यभार संभालते ही क्या बोले राजनाथ सिंह?
प्रधानमंत्री ने एक बार फिर रक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाली है. उन्होंने कहा कि उनकी प्राथमिकताएं वही रहेंगी जो पहले थीं. भारत की अवैध सुरक्षा, अजीब सेना और सैनिकों का कल्याण उनकी प्राथमिकताओं में शामिल हैं. प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर और सशक्त भारत के निर्माण पर जोर दिया है.
'दुश्मन देश का उदाहरण नहीं देना लेकिन...', पाकिस्तान की संसद में भारत के चुनाव पर क्यों छिड़ी चर्चा?
पाकिस्तान के विपक्ष के नेता शिबली फराज ने भारत की चुनाव प्रक्रिया की तारीफ की है. उन्होंने पाकिस्तान में चुनाव में धांधली का बात करते हुए कहा कि पाकिस्तान में क्यों नहीं भारत जैसे चुनाव कराए जा सकते हैं.
अयोध्या की हार को बीजेपी भुला नहीं पा रही है. पर बीजेपी को यह समझना होगा कि अयोध्या में कोई पहली बार बीजेपी को हार नहीं मिली है. फिर तीसरी बार अगर केंद्र में लगातार पार्टी को सत्ता मिली है तो क्या उसमें रामलाल मंदिर की बिलकुल भूमिका नहीं है? अब तक हिमंता बिस्व सरमा ही आगे आए हैं, जो कह रहे हैं कि वे अयोध्या जाकर भगवान राम से आशीर्वाद लेंगे.
मुनक नहर दिल्ली की जल आपूर्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. फिर भी इसे 'खूनी नहर' कहा जाता है. इस नहर में हर तीसरे दिन शव तैरते नजर आते हैं. करीब 35 फीट गहरी इस नहर में रात के समय कई गाड़ियां फंस जाती हैं. क्योंकि यहां घना अंधेरा हादसों को दावत देता है. अपराधी भी अपनी गतिविधियों को छुपाने के लिए इस नहर का उपयोग करते हैं.
राजधानी में पानी की किल्लत के बीच जल मंत्री आतिशी अक्षरधाम के पास स्थित पाइपलाइन का निरीक्षण करने पहुंचीं थीं. निरीक्षण के दौरान उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि टैंकर माफियाओं पर बिल्कुल लगाम कसी जानी चाहिए. चाहे वो हरियाणा बॉर्डर के पार हों या दिल्ली के इस पार. लेकिन उससे समस्या का समाधान नहीं होगा.