रेप केस में 'कुंडली' का क्या काम? अब सुप्रीम कोर्ट करेगा फैसला, समझें पूरा मामला
AajTak
सुप्रीम कोर्ट ने रेप पीड़िता की कुंडली की जांच के आदेश पर रोक लगा दी है. ये आदेश इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 23 मई को दिया था. दरअसल, पीड़िता ने दावा किया था कि आरोपी ने शादी का झांसा देकर उसके साथ दुष्कर्म किया. इस पर आरोपी ने दलील दी थी कि पीड़िता मांगलिक है, इसलिए वो उससे शादी नहीं कर सकता.
सुप्रीम कोर्ट ने रेप पीड़िता की कुंडली की जांच के आदेश पर रोक लगा दी है. ये आदेश इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिया था. हाईकोर्ट ने ये आदेश दुष्कर्म के आरोपी की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया था.
इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस आदेश पर स्वतः संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'समझ नहीं आता कि जमानत याचिका पर सुनवाई करते समय एस्ट्रोलॉजी रिपोर्ट क्यों मांगी जाती है.'
हाईकोर्ट ने शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने के आरोपी की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए 23 मई को ये आदेश जारी किया था.
क्या है मामला?
दरअसल, ये पूरा मामला शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने से जुड़ा है. पीड़िता ने दावा किया है कि आरोपी ने पहले उससे शादी का वादा करके सेक्सुअल रिलेशन बनाए और बाद में वो इससे मुकर गया.
वहीं, आरोपी का कहना है कि पीड़िता और उसकी शादी नहीं हो सकती, क्योंकि पीड़िता 'मांगलिक' है. इस पर जवाब देते हुए पीड़िता के वकील ने दावा किया कि लड़की 'मांगलिक' नहीं है.
जम्मू के रियासी जिला अस्पताल में आतंकी हमले के बाल बच्चे भर्ती हैं. इन मासूम बच्चों को देखकर किसी का भी कलेजा फट सकता है. आतंकवादियों ने जो बर्बरता की है, उसके प्रमाण आप देख सकते हैं. श्रद्धालुओं ने जब आतंकवादी हमले की कहानी सुनाई, तो दिल दहल गया. आप उन आतंकवादियों की बर्बरता का अंदाजा नहीं लगा सकते.
महाराष्ट्र के ठाणे में ठगों ने यूपी पुलिस का अधिकारी बनकर एक कारोबारी को करीब 20 लाख रुपये का चूना लगा दिया. ठगों ने कारोबारी को मनी लॉन्ड्रिंग के केस में फंसाने की धमकी दी थी और गिरफ्तारी से बचने के लिए पैसों की मांग की थी. पैसे देने के बाद जब कारोबारी ने लखनऊ में फोन कर यूपी पुलिस थाने में जानकारी ली तो उसे पता चला कि उसके खिलाफ कोई केस ही नहीं है.
महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना भी मोदी कैबिनेट में जगह नहीं मिलने से नाराज हो गई है. पार्टी के चीफ व्हिप श्रीरंग बारणे का कहना है कि उनकी पार्टी ने सात सीटें जीती हैं और बावजूद इसके उन्हें कोई कैबिनेट मंत्रालय नहीं दिया गया. उनका कहना है कि एनडीए के अन्य घटक दलों को कम सीट मिलने पर भी कैबिनेट में जगह मिली है.