रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच जयशंकर ने की अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन से बात, इन मुद्दों पर भी हुई चर्चा
AajTak
दोनों नेताओं की इस बातचीत के बाद अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा, विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने यूक्रेन में बिगड़ती मानवीय स्थिति सहित क्षेत्रीय प्राथमिकताओं की समीक्षा के लिए आज भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर से बात की.
रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ फोन पर बातचीत की. जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ यूक्रेन संकट, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिति और द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा हुई. इस बातचीत के बाद एस जयशंकर ने ट्वीट किया, 'विदेश मंत्री ब्लिंकन के साथ सार्थक चर्चा हुई. दोनों देशों के द्विपक्षीय सहयोग की प्रगति की समीक्षा की गई. हिंद-प्रशांत, यूक्रेन और वैश्विक अर्थव्यवस्था से जुड़े मुद्दे पर चर्चा हुई.
दोनों नेताओं की इस बातचीत के बाद अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा, विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने यूक्रेन में बिगड़ती मानवीय स्थिति सहित क्षेत्रीय प्राथमिकताओं की समीक्षा के लिए आज भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर से बात की.
अमेरिकी विदेश मंत्री और भारत के विदेश मंंत्री एस जयशकंर के बीच ऐसे समय में बात हो रही है जब रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध दूसरी महीने में प्रवेश कर गया है और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन बुधवार को यूक्रेन के लिए 50 करोड़ डॉलर की अतिरिक्त सहायता की घोषणा की है.
रूस-यूक्रेन के बीच शुरू हुई शांति वार्ता
युद्ध के तनावपूर्ण हालातों के बीच एक बार फिर दोनों देशों के बीच शांति वार्ता शुरू हो गई है. दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडल के बीच तीन सप्ताह बाद तुर्की में आमने-सामने बात हुई है. इससे पहले की सभी बातचीत बेनतीजा रही थीं. रायटर की रिपोर्ट के मुताबिक तुर्की में दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडल के बीच शांति वार्ता बिना किसी उत्साह के शुरू हुई. दोनों दल एक-दूसरे से उखड़े हुए लग रहे थे. किसी ने भी एक दूसरे दल के प्रतिनिधिमंडल से हाथ तक नहीं मिलाया. लेकिन वार्ता से सार्थक समाधान की उम्मीद जगी है.
जेलेंंस्की-पुतिन के बीच वार्ता के पर्याप्त आधार
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.