राहुल गांधी न भूलें, 10 साल सत्ता का मजा क्षेत्रीय दलों के भरोसे ही लिया है: एचडी कुमारस्वामी
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क्षेत्रीय दलों पर राहुल गांधी के बयान पर कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी ने पलटवार किया है. कुमारस्वामी ने कहा था कांग्रेस ने 10 साल सत्ता का मजा क्षेत्रीय दलों के सहारे ही लिया है.
'कांग्रेस को क्षेत्रीय पार्टियों का फोबिया हो गया है...', ये बयान कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और जेडी(एस) नेता एचडी कुमारस्वामी ने दिया है. दरअसल राजस्थान में कांग्रेस के चिंतन शिविर के आखिर दिन राहुल गांधी ने कहा था कि क्षेत्रीय पार्टियां बीजेपी-आरएसएस का सामना नहीं कर सकती हैं क्योंकि उनकी कोई भी वैचारिक प्रतिबद्धता नहीं होती है. राहुल गांधी के इस बयान पर जेडीएस नेता कुमारस्वामी ने पलटवार किया है.
कुमारस्वामी ने कहा कि आईके गुजराल की अगुवाई में संयुक्त मोर्चा की सरकार को कांग्रेस ने इसलिए गिरा दिया था क्योंकि उसकी मांग थी कि डीएमके को कैबिनेट से बाहर रखा जाए. कांग्रेस का उस समय कहना था कि डीएमके का राजीव गांधी की हत्या करने वाले संगठन लिट्टे से लिंक है. लेकिन कुछ सालों बाद इसी कांग्रेस ने डीएमके से रिश्ता जोड़ लिया. कुमारस्वामी ने ट्वीट कर पूछा, 'डीएमके के साथ 10 साल सत्ता में रहकर मनमोहन सिंह की अगुवाई वाली यूपीए-1 और यूपीए-2 सरकार चलाना क्या कोई वैचारिक प्रतिबद्धता थी?
राहुल गांधी ने उदयपुर में यह भी कहा था कि अकेले कांग्रेस के पास बीजेपी को हराने की क्षमता है, उनके इस बयान पर कुमारस्वामी ने कहा कि राहुल गांधी को यह नहीं भूलना चाहिए कि कांग्रेस ने 10 साल सत्ता का मजा सिर्फ क्षेत्रीय दलों के भरोसे ही लिया है. कुमारस्वामी ने आरोप लगाते हुए पूछा, 'पर्दे के पीछे बीजेपी के 'ऑपरेशन लोटस' में हिस्सा लिया फिर हमारे साथ गठबंधन किया, क्या ये वैचारिक प्रतिबद्धता थी? उसके बाद गठबंधन को तोड़ना क्या विचारधारा के आधार वाली राजनीति थी?'
कुमारस्वामी यहीं नहीं रुके, अपनी कभी सहयोगी रही पार्टी कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि इसका कई राज्यों जैसे आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा में अस्तित्व ही नहीं बचा है. कर्नाटक में भी कांग्रेस के आखिरी दिन चल रहे हैं. अच्छा होगा कि राहुल गांधी इसे समझ जाएं.
बता दें कि साल 2018 में कर्नाटक विधानसभा चुनाव में किसी को बहुमत नहीं मिला था. उस समय कांग्रेस ने जेडीएस के साथ मिलकर सरकार बनाई थी जिसमें कुमारस्वामी सीएम बने थे. लेकिन 14 महीने बाद ही दोनों पार्टियों में मतभेद हो गए और सरकार गिर गई थी.
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