
राजस्थान में उम्र बढ़ाकर पेंशन का लाभ ले रहे लोग, फर्जीवाड़े पर आजतक का बड़ा खुलासा
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राज्य में जहां एक तरफ असली बुजुर्ग अपने जीवन के लिए जरूरी पेंशन को पाने में सरकारी दफ्तर की सीढ़ियां ही चढ़-उतर रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ वोट देने के बदले कम उम्र वालों को 60 साल पार का दिखाकर पेंशन वाला करप्शन किया जा रहा है. आजतक की दस्तक देती रिपोर्ट में इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है.
राजस्थान में ओल्ड ऐज पेंशन के नाम पर फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है. यहां कम उम्र के लोग अपनी उम्र को ज्यादा दिखाकर खुद को पेंशन का पात्र बना रहे हैं और पेंशन का लाभ उठा रहे हैं. राज्य में जहां एक तरफ असली बुजुर्ग अपने जीवन के लिए जरूरी पेंशन को पाने में सरकारी दफ्तर की सीढ़ियां ही चढ़-उतर रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ वोट देने के बदले कम उम्र वालों को 60 साल पार का दिखाकर पेंशन वाला करप्शन किया जा रहा है. आजतक की दस्तक देती रिपोर्ट में इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है.
एक जिले में 5 करोड़ के घोटाले की खबर...
इस फर्जीवांड़े का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अकेले राजस्थान के एक जिले में ही करीब पांच करोड़ रुपए का पेंशन घोटाला सामने आ चुका है. आजतक संवाददाता शरत कुमार जब राजस्थान के इस पेंशन घोटाले के खिलाफ दस्तक देने के लिए ग्राउंड रिपोर्ट करने उतरे तो उम्र आधार कार्ड में घटी दिखाकर पेंशन धारक बन जाने वाले लोग या तो घर छोड़ भागने लगे या फिर घर के अंदर खुद को बंद कर लिया.
जानें कैसे होता है फर्जीवाड़ा
नरपत 1974 में पैदा हुए. लेकिन जन्म का साल 1953 लिखाकर 40 साल की उम्र से ही वो पेंशन उठाने लगे जो 60 साल से ज्यादा के बुजुर्गों के लिए सरकार लाई है. ऐसे ही एक शख्स देवाराम की पैदाइश का साल 1970 है. लेकिन अपना जन्म का साल उन्होंने 1961 बताया और फिर 51 साल की उम्र में ही खुद को 60 साल का दिखाकर 2021 से पेंशन खाते में सीधे लेना शुरु कर दिया. ऐसे ही ओमप्रकाश पैदा हुए 1972 में लेकिन कागज पर 1962 की पैदाइश लिखा दी. 48 साल की उम्र में ही 60 साल पार का बन गए. पेंशन पाने लगे. विष्णु तो और भी करामाती निकले. पैदा 1969 में हुए. सरकारी योजना में 1956 लिखाया. 45 साल की उम्र में ही बुजुर्ग बनकर 10 साल से पेंशन लेते मिले हैं.
पेंशन के असली पात्र लगा रहे चक्कर

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