राजस्थान चुनाव से पहले कांग्रेस का बड़ा एक्शन, 50 बागी नेताओं को पार्टी से निकाला
AajTak
आज से ठीक आठ दिन बाद 25 नवंबर को राजस्थान में चुनाव होना है. इस बीच राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने 50 नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है. इन नेताओं को 6 साल के लिए पार्टी से बाहर किया गया है.
राजस्थान में होने जा रहे विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी ने एक बड़ा कदम उठाते हुए 50 बागी नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है. इन सभी नेताओं को 6 साल के लिए निष्काषित कर दिया गया है. आदेश प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने जारी किए हैं. रंधावा ने इससे पहले रंधावा ने इन नेताओं को चेतावनी भी जारी की थी.
पार्टी से निकाले गए नेताओं में विधानसभा क्षेत्र राजगढ़-लक्ष्मणगढ़ से जौहरीलाल मीना, राहुल कुमार मीना, शीला मीना शामिल हैं. इसके अलावा पुष्कर से गोपाल बाहेती, श्रीगंगानगर से करुणा अशोक चांडक, नगर से गोविंद शर्मा, सादुलशहर से ओम बिश्नोई और सिवाना से सुनील परिहार को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है.
इन नेताओं को दिखाय बाहर का रास्ता
राकेश बोयत, छबड़ा से नरेश कुमार मीना, सवाईमाधोपुर से अजीजुद्दीन आजाद, मालपुरा से गोपाल गुर्जर, नागौर से हबीबुर्रहमान खान अशरफी, शिव से फतेह खान, सरदारशहर से राजकरण चौधरी, मनोहरथाना से कैलाश मीना, डूंगरपुर से देवराम रोत और चौरासी से महेंद्र.
विराटनगर और जालोर से ये नेता
लूणकरणसर से वीरेंद्र बेनीवाल, विराटनगर से रामचन्द्र सराधना और भीमसाहन गुर्जर, झोटवाड़ा से सुरज्ञान सिंह गौसल्या और हरिकिशन तिवाड़ी, टोडाभीम से राघव राम मीना और कल्पना, महुआ से रामनिवास गोयल, बसेड़ी से खिलाड़ी लाल बैरवा, जालोर से रामलाल मेघवाल, विशेष कुमार मीणा, सागवाड़ा से पन्नालाल डोडियार, श्रीमाधोपुर से बलराम यादव, हनुमानगढ़ से गणेश राज बंसल, सांचौर से डॉ. शमशेर अली सैय्यद, मुंडावर से अंजलि यादव, किशनगढ़ बास से सिमरत संधू, उदयपुरवाटी से मीनू सैनी, सत्यनारायण विश्नोई, वाजिद खान मसूदा.
जम्मू के रियासी जिला अस्पताल में आतंकी हमले के बाल बच्चे भर्ती हैं. इन मासूम बच्चों को देखकर किसी का भी कलेजा फट सकता है. आतंकवादियों ने जो बर्बरता की है, उसके प्रमाण आप देख सकते हैं. श्रद्धालुओं ने जब आतंकवादी हमले की कहानी सुनाई, तो दिल दहल गया. आप उन आतंकवादियों की बर्बरता का अंदाजा नहीं लगा सकते.
महाराष्ट्र के ठाणे में ठगों ने यूपी पुलिस का अधिकारी बनकर एक कारोबारी को करीब 20 लाख रुपये का चूना लगा दिया. ठगों ने कारोबारी को मनी लॉन्ड्रिंग के केस में फंसाने की धमकी दी थी और गिरफ्तारी से बचने के लिए पैसों की मांग की थी. पैसे देने के बाद जब कारोबारी ने लखनऊ में फोन कर यूपी पुलिस थाने में जानकारी ली तो उसे पता चला कि उसके खिलाफ कोई केस ही नहीं है.