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राजद्रोह और गैंगरेप पर सरकार का बड़ा फ़ैसला
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राजद्रोह और गैंगरेप पर सरकार का बड़ा फ़ैसला, 100 दिन के बाद क्या है मणिपुर हिंसा के हालात, खालिस्तानी समर्थकों से निपटने के लिए ब्रिटेन और भारत आए साथ और आखिर में बात हेल्थ प्रोडक्ट्स का प्रचार करने वाले इनफ्लुएंसर और सेलिब्रिटीज की, सरकार की नई गाइडलाइन में क्या है, सुनिए 'दिन भर' में.
20 जुलाई से शुरू हुए संसद के मॉनसून सेशन का आज आख़िरी दिन था. इस सत्र में दिल्ली सर्विसेज बिल से लेकर डेटा प्रोटेक्शन, जनविश्वास, फॉरेस्ट कंज़र्वेशन अमेंडमेंट जैसे बिल पेश और पास हुए. लेकिन बिल्स का ये सिलसिला आखिरी दिन तक चला. गृह मंत्री अमित शाह आज लोकसभा में तीन विधेयक लेकर आए. ये तीन बिल हैं, भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक, 2023. इन बिल्स के ज़रिये सरकार ब्रिटिश काल से चली आ रही भारतीय दण्ड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम इंडियन पीनल कोड, इंडियन एविडेंस एक्ट और कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसीजर) जैसे कानूनों में सुधार कर रही है. अहम बात ये भी है कि नए बिल्स में सिडिशन यानी राजद्रोह को भी पूरी तरह निरस्त कर दिया जाएगा. इसके अलावा गैंगरेप के केस में 20 साल की सज़ा या आजीवन कारावास का प्रोविजन किया गया है. लोकसभा में आज दिन भर चली कार्यवाही का निचोड़ समझने के लिए और क्रिमिनल कोड से जुड़े नए प्रोविज़न्स समझने के लिए, सुनिए ‘दिन भर’.
संसद का मॉनसून सत्र आज पूरा हो गया. मणिपुर पर चर्चा और हंगामे के सवाल पर शुरू हुआ था. बीच में अविश्वास प्रस्ताव, डेटा प्रोटेक्शन से लेकर और भी बहुतेरे सवाल आ गए. लेकिन मणिपुर चर्चा के केंद्र में बना रहा. संसद अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गई. तो राहुल प्रेस कांफ्रेंस करते दिखे. मणिपुर पर जो वो संसद में नहीं कह पाए, शायद उस कोर कसर को पूरा करने की कोशिश उन्हें प्रेस कॉन्फ्रेंस में की. उन्होंने कहा कि अपने राजनीतिक जीवन में इस तरह की बर्बरता और हिंसा उन्होंने कहीं नहीं देखी, कहीं नहीं सुनी. आज एक अहम पड़ाव भी है. मणिपुर हिंसा का. आज से ठीक 100 दिन पहले हिंसा शुरू हुई थी. और आज भी हिंसा पूरी तरह थमी नहीं है. आज ही अख़बारों में एक ख़बर छपी कि एक और महिला ने गैंगरेप की शिकायत की है. घटना मई में घटी थी और उसकी एफआईआर अब जाकर 9 अगस्त को दर्ज़ हुई है. कम से कम 150 लोगों की मौत, 11,006 हिंसा के केस, 10 हजार से ज्यादा घरों को नुकसान और 50,000 से ज़्यादा लोगों के बेघर होने की ख़बरें हैं. सवाल है कि आंकड़ों से इतर ग्राउंड पर अब चीज़ें कैसी हैं, लोगों के बीच क्या अब भी वो डर बरकरार है? सुनिए ‘दिन भर’ में.
आप ये जानते हैं कि खालिस्तानी सेंटीमेंट जिन देशों में तेज़ी से पांव पसार रहा है, उसमें ब्रिटेन भी है. हाल ही में भारत ने ब्रिटेन को मना लिया है कि वो खालिस्तानियों पर कार्रवाई के लिए एक सांस्थानिक कोशिश करे. ब्रिटेन के सिक्योरिटी मिनिस्टर टॉम तुगेंदट, दिल्ली के तीन दिन के दौरे पर आए हैं. भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से उनकी मुलाक़ात हुई. और इसके बाद टॉम तुगेंदट ने ब्रिटेन में भारत के खिलाफ बढ़ रहे खालिस्तानी मूवमेंट पर रोक लगाने के लिए 95,000 पाउंड यानी लगभग 1 करोड़ रूपए का फंड जारी करने की घोषणा की. हाल ही में आपको याद होगा कि लंदन के इंडियन हाई कमीशन पर खालिस्तान समर्थकों ने हमला किया था. सवाल है कि ब्रिटेन में खालिस्तानी मूवमेंट का जैसा असर है, उसे ख़त्म करने के लिए, नकेल कसने के लिए क्या एक करोड़ रुपये का फंड नाकाफी नहीं है, या इसे एक शुरुआती कामयाबी के तौर पर देखना चाहिए, सुनिए ‘दिन भर’ में.
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जम्मू के रियासी जिला अस्पताल में आतंकी हमले के बाल बच्चे भर्ती हैं. इन मासूम बच्चों को देखकर किसी का भी कलेजा फट सकता है. आतंकवादियों ने जो बर्बरता की है, उसके प्रमाण आप देख सकते हैं. श्रद्धालुओं ने जब आतंकवादी हमले की कहानी सुनाई, तो दिल दहल गया. आप उन आतंकवादियों की बर्बरता का अंदाजा नहीं लगा सकते.
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महाराष्ट्र के ठाणे में ठगों ने यूपी पुलिस का अधिकारी बनकर एक कारोबारी को करीब 20 लाख रुपये का चूना लगा दिया. ठगों ने कारोबारी को मनी लॉन्ड्रिंग के केस में फंसाने की धमकी दी थी और गिरफ्तारी से बचने के लिए पैसों की मांग की थी. पैसे देने के बाद जब कारोबारी ने लखनऊ में फोन कर यूपी पुलिस थाने में जानकारी ली तो उसे पता चला कि उसके खिलाफ कोई केस ही नहीं है.
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महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना भी मोदी कैबिनेट में जगह नहीं मिलने से नाराज हो गई है. पार्टी के चीफ व्हिप श्रीरंग बारणे का कहना है कि उनकी पार्टी ने सात सीटें जीती हैं और बावजूद इसके उन्हें कोई कैबिनेट मंत्रालय नहीं दिया गया. उनका कहना है कि एनडीए के अन्य घटक दलों को कम सीट मिलने पर भी कैबिनेट में जगह मिली है.