राकेश टिकैत बोले- बीमारी थे कृषि कानून, योगेन्द्र यादव ने बताया- आगे कैसा होगा आंदोलन का स्वरूप
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कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि तीनों कृषि कानून भारत सरकार किसानों की भलाई के लिए लेकर आई थी. लेकिन दुख है इस बात का कि हम उनको उनके लाभ समझा नहीं पाए. वहीं विपक्ष ने सदन में बहस ने करने पर केंद्र सरकार पर हमला बोला.
भाजपा ने हर बार खेती-किसानी को निशाना बनाया। पहले भूमि-अधिग्रहण बिल फिर कृषि क़ानून, दोनों बार भाजपा को जनशक्ति से हार माननी पड़ी। कृषि क़ानून ‘लाते’ समय किसानों से मंत्रणा नहीं की तो कम से कम ‘लौटाते’ समय तो कर लेते, जिससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया की लाज रह जाती। #भाजपा_ख़त्म आज संसद में पेश किए बिल से तो लगता है कि यह तीन काले कानूनों को रद्द करने नहीं, बल्कि उन्हें दुबारा लागू करने की प्रस्तावना है। रस्सी जल गई मगर ऐंठ नहीं गई! (लगता है कृषि मंत्री को MSP का मतलब ही नहीं पता। उसे "Minimum Sale Price" लिखा है) https://t.co/7f87IcCg30 Wow! What a day in the history of Indian democracy and Indian Parliament. All three black farm laws repealed. Congratulations to all farmers and all Indians. Wow! What a day in the history of Indian democracy and Indian Parliament. All three black farm laws repealed. Congratulations to all farmers and all Indians. 1. देश में किसानों के एक वर्ष के तीव्र आन्दोलन के फलस्वरूप तीन अति-विवादित कृषि कानूनों की आज संसद के दोनों सदनों में वापसी किसानों को थोड़ी राहत के साथ ही यह देश के लोकतंत्र की वास्तविक जीत है। यह सबक है सभी सरकारों के लिए कि वे सदन के भीतर व बाहर लोकतांत्रिक आचरण करें।
Parliament winter session 2021: संसद के दोनों सदनों लोक सभा (Lok Sabha)और राज्य सभा (Rajya sabha) से सोमवार को पहले दिन तीनों कृषि कानून (3 Farm Law repeal) वापस ले लिए गए हैं. राहुल गांधी (Rahul Gandhi), अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal), योगेंद्र यादव (Yogendra Yadav), राकेश टिकैत (Rakesh Tikait), अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) समेत कई राजनेताओं की प्रतिक्रिया भी आई. तीनों कानून वापस लिए जाने के बाद सबसे इस बात पर भी जमकर हंगामा हुआ कि सरकार ने आखिर कानून वापसी पर चर्चा क्यों नहीं की.
कई इलाकों में लोगों को पानी के टैंकरों के पीछे बाल्टी और पाइप लेकर दौड़ते देखा जा सकता है. पानी का टैंकर देखते ही लोग उस पर झपट पड़ते हैं जिसके कई वीडियो सामने आए हैं. लोग लंबी-लंबी लाइनों में लगे हुए हैं. संकट इतना बड़ा है कि गुरुवार को दिल्ली सरकार को इमरजेंसी बैठक बुलानी पड़ी. इसके अलावा पानी की बर्बादी पर जुर्माना लगाया ही जा चुका है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कन्याकुमारी में ध्यान कर रहे हैं. ठीक 131 साल पहले उसी जगह एक और नरेंद्र ने ध्यान लगाया था और वहां ध्यान करने के बाद वो शिकागो (अमेरिका) में विश्व धर्म संसद में भाषण देने के लिए पहुंचे थे. बाद में आगे चलकर दुनिया ने उन्हें स्वामी विवेकानंद के नाम से जाना. कन्याकुमारी में उनके ध्यान ने हिंदू धर्म की रूपरेखा बदल दी थी.
आज सुबह की ताजा खबर (Aaj Ki Taza Khabar), 31 मई, 2024 की खबरें और समाचार: कन्याकुमारी में विवेकानंद रॉक मेमोरियल में पीएम मोदी की 'ध्यान साधना' जारी है. कर्नाटक के सेक्स स्कैंडल मामले के आरोपी सांसद प्रज्वल रेवन्ना को जर्मनी से भारत लौटते ही अरेस्ट कर लिया गया है. भारत के अधिकांश राज्यों में भीषण गर्मी पड़ रही है और कई लोग गर्मी की वजह से अपनी जान गंवा चुके हैं.