राउज एवेन्यू कोर्ट से CM केजरीवाल को बड़ी राहत, 15 हजार के बॉन्ड पर मिली जमानत
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दिल्ली की राउज़ एवेन्यू कोर्ट से सीएम अरविंद केजरीवाल को झटका लगने के बाद मुख्यमंत्री आज कोर्ट में पेश हुए. कोर्ट से केजरीवाल को 15000 रुपए मूल्य के जमानती बॉन्ड और एक लाख रुपए के निजी मुचलके पर जमानत मिल गई.
दिल्ली की राउज़ एवेन्यू कोर्ट से सीएम अरविंद केजरीवाल को झटका लगने के बाद मुख्यमंत्री आज कोर्ट में पेश हुए. कोर्ट से केजरीवाल को 15000 रुपए मूल्य के जमानती बॉन्ड और एक लाख रुपए के निजी मुचलके पर जमानत मिल गई. जांच एजेंसी ने उन्हें जारी किए गए समन का अनुपालन न करने के आरोप वाली ईडी की शिकायतों पर राउज एवेन्यू कोर्ट (मजिस्ट्रेट कोर्ट) ने केजरीवाल को आज शनिवार को पेश होने को कहा था. अरविंद केजरीवाल के लिए दो वकील रमेश गुप्ता और राजीव मोहन पेश हुए.
अरविंद केजरीवाल की पेशी को देखते हुए कोर्ट परिसर की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई थी. दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने कोर्ट के आसपास के कई रूट डायवर्ट कर दिए थे. इसके साथ ही ट्रैफिक पुलिस ने उन रास्तों पर आने वाले लोगों को समय लेकर आने की सलाह दी.
ईडी ने गुरुवार को अरविंद केजरीवाल द्वारा कोर्ट में जारी समन के खिलाफ उनकी याचिका का विरोध करते हुए कहा कि दिल्ली सीएम ने खुद अदालत को आश्वासन दिया था कि वह 16 मार्च को पेश होंगे. राउज ऐवेन्यू कोर्ट में ईडी द्वारा दायर दो अलग-अलग शिकायतों के खिलाफ केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई हुई. ईडी ने आरोप लगाया कि दिल्ली एक्साइज पॉलिसी मामले में कई समन के बावजूद जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं हो रहे हैं. केजरीवाल के वकील की दलीलों का जवाब देते हुए कि अदालत के समक्ष शिकायत संबंधित लोक सेवक द्वारा दायर नहीं की गई थी और यह अवैध है.
एग्जिट पोल का अनुमान बताता है कि बीजेपी और महायुति को जितनी सीटों पर जीतने की उम्मीद थी, वो पूरी होती नहीं दिख रही है. एग्जिट पोल में महाराष्ट्र की 48 सीटों में से बीजेपी को 20-22, कांग्रेस को 3-4, शिवसेना (ठाकरे गुट) को 9-11, शिवसेना (शिंदे गुट) को 8-10, एनसीपी (शरद पवार) को 4-5 और एनसीपी (अजित पवार) को 1-2 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है.
तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी ने पिछले महीने एक मीटिंग में अधिकारियों से हैदराबाद में लेक व्यू सरकारी गेस्ट हाउस जैसी इमारतों को 2 जून के बाद अपने कब्जे में लेने का निर्देश दिया था, जिन्हें 10 साल की अवधि के लिए आंध्र प्रदेश को दिया गया था. विभाजन के दौरान हैदराबाद को दस साल के लए दोनों राज्यों की राजधानी बनाई गई थी.