
राइज एंड फॉल: 40 दिन, 200 कैमरों के सामने कोई झूठा नहीं हो सकता, जीत के बाद इमोशनल हुए अर्जुन
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अर्जुन बिजलानी ने 42 दिनों के कठिन संघर्ष और भावनात्मक उतार-चढ़ाव के बाद रियलिटी शो 'राइज एंड फॉल' में जीत हासिल की. उन्होंने बताया कि शुरुआत में छवि को लेकर डर था, लेकिन अपनी प्रामाणिकता बनाए रखने से उन्हें सफलता मिली. उन्होंने कहा कि वो चाहते हैं कि उनके शो 'लाफ्टर शेफ' के सभी सितारे इस शो का हिस्सा बनें.
रियलिटी शो 'राइज एंड फॉल' के फिनाले के बस एक घंटे बाद अर्जुन बिजलानी के आसपास का माहौल उत्साहपूर्ण था. ट्रॉफी हाथ में लिए, वह खुशी से चमक रहे थे और 42 दिनों, अनगिनत चुनौतियों और कई भावनात्मक उतार-चढ़ाव के बाद मिली इस जीत के हर पल को जी रहे थे. अपनी वैनिटी वैन में इंडिया टुडे/आजतक से खास बातचीत में एक्टर ने कहा कि वह 'बेहद खुश और बहुत उत्साहित' हैं.
शो में अपनी यात्रा को याद करते हुए अर्जुन ने बताया कि उन्हें यहां तक पहुंचने के लिए हर दिन संघर्ष करना पड़ा. जिन्होंने 'राइज एंड फॉल' देखा. इस शो के होस्ट अशनीर ग्रोवर थे. यह शो प्रतियोगियों को न केवल कामों और सहनशक्ति के माध्यम से बल्कि रणनीति और सामाजिक खेल के माध्यम से भी परखता है.
अर्जुन बिजलानी ने कहा, 'शुरुआत में कोई नहीं चाहता था कि मैं पेंटहाउस में ऊपर उठूं. बेसमेंट में लोग मुझे नॉमिनेट कर रहे थे. वहां से यहां तक वही लोग जो मुझे नॉमिनेट कर रहे थे, अब मुझे सबसे ज्यादा प्यार करते हैं. मुझे नहीं पता था कि मैं शो जीतूंगा, क्योंकि यह बहुत जटिल था. यह केवल वोटिंग के बारे में नहीं है. इसमें बहुत सारी इंटरनल वोटिंग होती है और फिर भी इस शो को जीतकर और यहां खड़े होकर यह इंटरव्यू देना, बहुत खास लगता है.'
जीत केवल एक ट्रॉफी से कहीं अधिक मूल्य रखती है
उन्होंने स्वीकार किया कि यह जीत केवल एक ट्रॉफी से कहीं अधिक मूल्य रखती है. यह सालों के बलिदान और व्यक्तिगत विकास का प्रतीक है. उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वह एक कैप्टिव रियलिटी शो करेंगे. लेकिन इसे एक चुनौती के रूप में स्वीकार किया. इसका सबसे कठिन हिस्सा अपने 10 साल के बेटे अयान से दूर रहना था, जो उनसे बहुत जुड़ा हुआ है. यह शो उनके लिए आत्म-खोज का एक दर्पण भी बना, जिससे उन्हें एहसास हुआ कि वह जितना सोचते थे, उससे कहीं अधिक धैर्यवान हैं. 19 साल की उम्र में अपने पिता को खोने के बाद अर्जुन ने याद किया कि वह उस समय बहुत गुस्सैल व्यक्ति थे. लेकिन आज वह एक शांत, अधिक संयमित व्यक्ति में विकसित होने पर गर्व महसूस करते हैं.
चार साल पहले जब अर्जुन बिजलानी ने 'खतरों के खिलाड़ी' जीता था, तब उन पर पक्षपात के आरोप लगे थे. क्या 'राइज एंड फॉल' जीतना, जिसमें बाहरी वोटिंग कम थी, उनके लिए एक मान्यता जैसा महसूस हुआ? उन्होंने कहा, 'हां, यह खास है. जैसा मैंने कहा यह शो वोटों के बारे में नहीं है. बेशक इसका एक हिस्सा वोटों के बारे में है. लेकिन यह शो में मौजूद लोगों, जो आपके प्रतियोगी हैं, उनके बारे में भी है. वे आपके लिए क्या निर्णय लेते हैं? आपने किन गठबंधनों को बनाया? अशनीर ने भी मुझे खेल के शुरू में बताया था कि सब आपको एक बहुत मजबूत प्रतियोगी मानते हैं. जाहिर है कि वे पहले मजबूत प्रतियोगिता को बाहर करना चाहते हैं. लेकिन अंत तक यहां पहुंचना और फिर ट्रॉफी पकड़ना, मुझे लगता है कि यह मेरे खेल के बारे में बहुत कुछ कहता है. मैं इसे खेल कहना नहीं चाहता. यह मैं हूं.'













