
ये महिला बेच रही अपना 118 लीटर ब्रेस्ट मिल्क! लोगों ने कसे ताने
AajTak
अमेरिका में बेबी मिल्क की भारी किल्लत हो गई है. एलिसा नाम की एक महिला ऐसे में अपना ब्रेस्ट मिल्क बेच रही हैं. वो अपना 118 लीटर दूध बेचकर जरूरतमंद लोगों की मदद कर रही हैं. एलिसा सस्ते दामों में अपना ब्रेस्ट मिल्क बेच रही हैं.
अमेरिका में छोटे बच्चों के पाउडर दूध की भारी किल्लत हो गई है. देश में Abbott कंपनी का Similac ब्रांड सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाता था लेकिन फरवरी के महीने में इस बेबी मिल्क को पीने से दो बच्चों की मौत हो गई जिसके बाद कंपनी ने अपने दूध के ब्रांड पर स्वतः रोक लगा दी. इससे अमेरिका में बेबी मिल्क की भारी कमी हो गई है. इस बीच एलिसा चिट्टी नामक एक महिला सामने आई हैं जो अपना 118 लीटर दूध बेचकर जरूरतमंद लोगों की मदद कर रही हैं.
फॉक्स13 के साथ एक इंटरव्यू में एलिसा ने खुलासा किया कि उसके पास ब्रेस्ट मिल्क से भरे तीन से अधिक फ्रीजर हैं.
फॉक्स 13 के अनुसार, एलिसा ने पहले कोशिश की कि वो अपना ब्रेस्ट मिल्क मिल्क बैंक को दान कर दें, हालांकि, ये एक लंबी प्रक्रिया थी. इसलिए उन्होंने खुद से ही अपना दूध बेचना शुरू किया. उन्होंने अपने एक औंस (29 मिलीलीटर) ब्रेस्ट मिल्क की कीमत एक डॉलर रखा है. लेकिन वो कहती हैं कि जरूरतमंद माता-पिता से वो बातचीत कर पैसे कम करने के लिए तैयार हैं.
फॉक्स 13 से बात करते हुए एलिसा ने कहा कि पेट खराब होने के कारण कुछ शिशुओं को विशिष्ट बेबी मिल्क की जरूरत होती है. उन्होंने कहा कि उनकी खुद की बेटी को ये परेशानी है इसलिए वो जानती हैं कि ऐसी स्थिति को संभालना कितना मुश्किल हो सकता है.
वो कहती हैं, 'मुझे पता है कि बहुत सी मांओं को अपने बच्चे के लिए बेबी मिल्क की जरूरत होती है क्योंकि उनके बच्चे को पेट की परेशानी होती है. ऐसे बच्चे जब परेशान होते हैं तो ये बहुत मुश्किल हो जाता है. पेट दर्द के बारे में आप कुछ नहीं कर सकते हैं.'
फॉक्स 13 ने बताया कि एलिसा का इंटरव्यू प्रसारित होने के कुछ दिनों बाद, उन्हें अपना ब्रेस्ट मिल्क बेचने के फैसले को लेकर लोगों की नकारात्मक प्रतिक्रिया मिलनी शुरू हुई. इससे परेशान एलिसा ने अपना ब्रेस्ट मिल्क बेचना बंद कर दिया.

जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पंद्रह साल पहले, 2010 में, हमारी साझेदारी को स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया था. पिछले ढाई दशकों में राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नेतृत्व और विजन से इस रिश्ते को लगातार आगे बढ़ाया है. हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने हमारे संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ग्लोबल सुपर एक्सक्लूसिव बातचीत की. आजतक से बातचीत में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि मैं आज जो इतना बड़ा नेता बना हूं उसके पीछे मेरा परिवार है. जिस परिवार में मेरा जन्म हुआ जिनके बीच मैं पला-बढ़ा मुझे लगता है कि इन सब ने मिलाकर मुझे वो बनाया है जो आज मैं हूं.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के साथ खास बातचीत में बताया कि भारत-रूस के संबंध मजबूत होने में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वपूर्ण योगदान है. पुतिन ने कहा कि वे पीएम मोदी के साथ काम कर रहे हैं और उनके दोस्ताना संबंध हैं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत को प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करने पर गर्व है और वे उम्मीद करते हैं कि मोदी नाराज़ नहीं होंगे.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.







