यूपी BJP के पूर्व चीफ लक्ष्मीकांत वाजपेयी राज्यसभा में बीजेपी के चीफ व्हिप होंगे
AajTak
उत्तर प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी को पार्टी ने बड़ी जिम्मेदारी दी है. भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें राज्यसभा में नया चीफ व्हिप नियुक्त किया है.
उत्तर प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी को पार्टी ने बड़ी जिम्मेदारी दी है. भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें राज्यसभा में नया चीफ व्हिप नियुक्त किया है. इससे पहले शिवप्रताप शुक्ला बीजेपी के चीफ व्हिप थे. उनका राज्यसभा का कार्यकाल जुलाई में खत्म हो गया था.
संसदीय मामलों के मंत्री प्रल्हाद जोशी ने बताया कि लक्ष्मीकांत वाजपेयी को राज्यसभा में बीजेपी का मुख्य सचेतक नियुक्त किया गया है. वाजपेयी लगातार चार बार उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य चुने गए हैं. इस बीच, भाजपा ने पीयूष गोयल को फिर से उच्च सदन में अपना नेता नियुक्त किया है. हालांकि राज्यसभा में मुख्तार अब्बास नकवी के रिटायर होने के बाद बीजेपी के पास उपनेता नहीं है.
शिव प्रताप शुक्ल का कार्यकाल खत्म
इससे पहले बीजेपी ने जुलाई 2020 में शिव प्रताप शुक्ल को चीफ व्हिप नियुक्त किया था. शिव प्रताप बीजेपी के दिग्गज नेता माने जाते हैं. वो गोरखपुर से आते हैं और बीजेपी में ब्राह्मणों के एक प्रभावी चेहरे को तौर पर देखे जाते हैं. अब उनका कार्यकाल खत्म होने के बाद पार्टी ने लक्ष्मीकांत वाजपेयी को ये जिम्मेदारी सौंपी है.
मेरठ के रहने वाले हैं वाजपेयी
लक्ष्मीकांत वाजपेयी यूपी में बड़ा ब्राह्मण चेहरा हैं. उन्हें मई 2022 में ही पार्टी ने उच्च सदन भेजा है. लक्ष्मीकांत वाजपेयी पश्चिमी यूपी के मेरठ के रहने वाले हैं. उनके प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए ही बीजेपी ने 2014 लोकसभा चुनाव में 73 सीटें जीती थीं. उन्होंने मुलायम परिवार की बहू अपर्णा यादव, साढ़ू प्रमोद गुप्ता, रायबरेली की कांग्रेस विधायक अदिति सिंह समेत सपा के कई जैन प्रतिनिधियों को भी पार्टी में शामिल कराया था.
लखनऊ में लस्वर तिले को लेकर हिन्दू पक्ष और मुस्लिम पक्ष आमने-सामने हैं. ताजा सुनवाई में स्पष्ट तौर पर मुस्लिम पक्ष ने मांग की थी कि इसकी सुनवाई नहीं की जानी चाहिए कोर्ट में लेकिन कोर्ट ने उनकी यह याचिका खारिज कर दी है और अब सुनवाई उसी कोर्ट में चलेगी. इस पूरे मामले पर मुख्य पक्षकार से जानें पूरा मामला.
डीसीपी साउथ वेस्ट रोहित मीना ने बताया कि 28 मई 2024 को पुलिस अधिकारियों द्वारा हमला करने और जबरन वसूली के संबंध में एक पीसीआर कॉल वसंत कुंज साउथ थाने में मिली थी. इस पर कार्रवाई करते हुए थाने में आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था. मामले में कार्रवाई करते हुए पांच पुलिसकर्मियों को जेल भेज दिया गया है.
पुणे पोर्श कांड में सरकारी डॉक्टरों की एक बड़ी लापरवाही सामने आई. दावा है कि इन डॉक्टरों ने नाबालिग आरोपी के ब्लड सैंपल से छेड़छाड़ की थी, ताकि हादसे के वक्त उसके नशे में होने की बात साबित न हो सके. इस वीडियो में जानेंगे कि आखिर ब्लड में कितना अल्कोहल मिलने पर ड्रिंक एंड ड्राइव का केस बनता है और अगर आसा होता है तो सजा कितनी होती है?