यूपी समेत अन्य चुनावों में क्या रहेगा प्रशांत किशोर का रोल? इस एक्सक्लूसिव रिपोर्ट से जानिए
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पिछले कुछ समय में प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) के कांग्रेस (Congress) में शामिल होने की अटकलें लगाई जाती रहीं, लेकिन अब तक इस पर कोई भी फैसला नहीं हो सका है और महज अटकलें ही बनी हुई हैं.
उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में अगले साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. पार्टियां रणनीति तैयार करने में लग गई हैं, लेकिन कई लोगों की निगाहें इस बार किसी राजनैतिक दल से ज्यादा जाने-माने रणनीतिकार प्रशांत किशोर (पीके) पर बनी हुई हैं. दरअसल, पश्चिम बंगाल में टीएमसी की जीत में अहम भूमिका निभाने वाले प्रशांत किशोर 'ब्रेक' पर चल रहे हैं और वह आने वाले चुनावों से खुद को दूर रख सकते हैं. यानी कि प्रशांत किशोर के किसी पार्टी के लिए रणनीति बनाने की संभावनाएं नहीं हैं. पिछले कुछ समय में प्रशांत के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें लगाई जाती रहीं, लेकिन अब तक इस पर कोई भी फैसला नहीं हो सका है और महज अटकलें ही बनी हुई हैं.नवाज शरीफ ने 25 साल बाद एक गलती स्वीकार की है. ये गलती पाकिस्तान की दगाबाजी की है. 20 फरवरी 1999 को दिल्ली से जब सुनहरी रंग की 'सदा-ए-सरहद' (सरहद की पुकार) लग्जरी बस अटारी बॉर्डर की ओर चली तो लगा कि 1947 में अलग हुए दो मुल्क अपना अतीत भूलाकर आगे चलने को तैयार हैं. लेकिन ये भावना एकतरफा थी. पाकिस्तान आर्मी के मन में तो कुछ और चल रहा था.
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