यूपी में जिन्ना के बाद अब चंद्रगुप्त पर संग्राम, सीएम योगी के 'ज्ञान' को ओवैसी की चुनौती
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सीएम ने अपने संबोधन में अखिलेश यादव पर भी तंज कसा. उनके मुताबिक अगर सरदार पटेल से देश की रियासतों को एक साथ लाने में जरा भी गलती रह गई होती तो आज हमारे देश की क्या तस्वीर होती.
यूपी के चुनाव में सिर्फ विकास की चर्चा नहीं है. जाति-धर्म तक भी इस चुनाव को सीमित नहीं रखा जा रहा है. इस बार इतिहास के दम पर भी चुनावी दांव-पेंच चले जा रहे हैं. इसी वजह से अब जिन्ना के बाद यूपी संग्राम में राजा चंद्रगुप्त मौर्य की एंट्री हो गई है. सीएम योगी ने ये मुद्दा छेड़ा है और ओवैसी ने पलटवार कर दिया है.
इतिहास को कैसे तोड़ा-मरोड़ा जाता है. हमारा इतिहास चंद्रगुप्त मौर्य को महान नहीं मानता है, उन्होंने तो उस शख्स को महान बता दिया है जो चंद्रगुप्त से जंग हार गए थे-एलेक्जेंडर. उन्हें एलेक्जेंडर द ग्रेट कहा जाता है. देश के साथ ये बड़ा धोखा हुआ है. लेकिन हमारे इतिहासकार शांत बैठे हैं. वे सच नहीं बता रहे हैं. हिंदुत्व सिर्फ एक फर्जी इतिहास की फैक्ट्री है. चंद्रगुप्त और एलेक्जेंडर तो कभी लड़े ही नहीं थे. उनके बीच कोई जंग नहीं हुई थी. किसी का ये कहना ही बताता है कि देश को एक अच्छे एजुकेशन सिस्टम की सख्त जरूरत है. अच्छे स्कूलों के आभाव में बाबा लोग अपने मन से कुछ भी तथ्य बनाते हैं और परोस देते हैं. बाबा शिक्षा को कोई महत्व नहीं देते हैं और ये उनके बयानों में दिखता है.
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