यूपी पुलिस के लिए आसान नहीं होगी महंत नरेंद्र गिरि केस की जांच, जुड़ सकती हैं अन्य धाराएं
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सुसाइड नोट के बाद इस केस में पुलिस को ब्लैकमेलिंग यानी आईपीसी की धारा 503 और आपराधिक साजिश जैसी धाराओं को जोड़ना पड़ेगा. क्योंकि नरेंद्र गिरी के सुसाइड नोट में कई लोगों के नाम लिखे गए हैं, लिहाजा इसमें पुलिस कॉमन इंटेंशन यानी धारा 34 का इस्तेमाल भी कर सकती है.
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत की जांच अलग-अलग पहलुओं से की जा रही है. लेकिन हाई प्रोफाइल मौत के इस मामले में पुलिस की जांच का पहला चेहरा है एफआईआर. जिसमें आईपीसी की धारा 306 लगाई गई है. यानी नरेंद्र गिरी को आत्महत्या के लिए मजबूर किया गया. लेकिन प्रयागराज पुलिस इस केस की एफआईआर में अभी और भी धाराएं जोड़ सकती हैं.
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.