यूपी पंचायत चुनाव: बुंदेलखंड में पांच लाख के इनामी डाकू का बेटा बना प्रधान, 'ठोकिया' का भाई भी जीता
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बुंदेलखंड में डाकुओं के परिवार का दबदबा है. यहां हो रहे पंचायत चुनाव में इनके परिवार से चुनाव मैदान में उतरे बेटे और भाई ने शानदार जीत कर प्रधान का चुनाव जीता है, तो वहीं एक अन्य डाकू की पत्नी की भी जीतने की पूरी उम्मीद जताई जा रही है.
उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में एक बार फिर खूंखार डकैतों के परिजन अपना दबदबा साबित करने में कामयाब साबित हुए हैं. डाकुओं के दो परिजन चुनाव जीत कर प्रधान बन गये हैं और अभी एक डाकू की पत्नी की वोटों की गिनती होने वाली है. उसकी जीत भी तय मानी जा रही है. 12 वोटों से हराया गांव की छोटी सरकार बनने का क्रम शुरू हो चुका है. बुंदेलखंड में इस बार भी उन डाकुओं के परिवारों का दबदबा है, जो जेल में बंद है. चित्रकूट जिले के साढ़े सात लाख के इनामी डकैत ददुआ के राइट हैंड कहे जाने वाले और इस समय जेल में सजा काट रहे इनामी डकैत 'राधे' का बेटा अरिमर्दन सिंह उर्फ सोनू चित्रकूट के करवी ब्लॉक के शीतलपुर तरौंहा गांव से प्रधान बनने में कामयाब हो गया है. डकैत राधे के बेटे अरिमर्दन सिंह कुल 192 वोट पाकर अपने निकटतम प्रतिद्वंदी से 12 वोटों से चुनाव जीत गया है.हिट एंड रन की ये घटना 19 मई की है. पुणे के कल्याणी नगर इलाके में रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के 17 साल आठ महीने के बेटे ने अपनी स्पोर्ट्स कार पोर्श से बाइक सवार दो इंजीनियरों को रौंद दिया था, जिससे दोनों की मौत हो गई थी. इस घटना के 14 घंटे बाद नाबालिग आरोपी को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई थी. हालांकि बाद में आरोपी को फिर से कस्टडी में लेकर जुवेनाइल सेंटर भेज दिया गया.
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.