
यूक्रेन युद्ध के बीच 30 दिसंबर को शी जिनपिंग से बातचीत करेंगे पुतिन
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रूस के राष्ट्रपति पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की यह बातचीत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगी, जिसमें द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर बात हो सकती है. पुतिन यूक्रेन युद्ध और दोनों देशों के बीच कारोबारी संबंधों जैसे मामलों पर शी के साथ अपनी साझेदारी मजबूत करना चाहते हैं.
रूस, यूक्रेन युद्ध को अगले साल फरवरी में एक साल पूरे हो जाएंगे. ऐसे में रूस पीछे हटने के मुड में नहीं है और ना ही यूक्रेन ने हथियार डालने का मन बनाया है. अब खबर है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन शुक्रवार को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से बातचीत करने वाले हैं.
हालांकि, दोनों नेताओं की यह बातचीत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगी, जिसमें द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर बात हो सकती है. पुतिन यूक्रेन युद्ध और दोनों देशों के बीच कारोबारी संबंधों जैसे मामलों पर शी के साथ अपनी साझेदारी मजबूत करना चाहते हैं.
पुतिन के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने संवाददाताओं से कहा कि सबसे पहले, वे यकीनन रूस-चीनी संबंधों पर बात करेंगे. इसके साथ ही क्षेत्रीय समस्याओं पर भी बातचीत होगी. ऐसे मामले जो रूस और चीन के लिए महत्वपूर्ण हैं, उन पर भी चर्चा होगी.
बता दें कि इस साल फरवरी में यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद से ही रूस ने चीन के साथ अपने आर्थिक, राजनीतिक और सुरक्षा संबंधों को और गहरा कर रहा है. दोनों देशों के बीच कुछ दिन पहले ही नो लिमिट रणनीतिक साझेदारी हुई थी.
चीन भी तेल के लिए रूस पर अधिक निर्भर हो गया है. यूरोपीय यूनियन के रूस के तेल पर लगे प्रतिबंधों के बीच चीन ने रूस से अधिक मात्रा में तेल खरीद रहा है. वहीं, रूस ने भी ताइवान मामले पर शी जिनपिंग के रुख का सार्वजनिक तौर पर समर्थन किया है.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

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पुतिन ने कहा कि अफगानिस्तान की सरकार ने बहुत कुछ किया है. और अब वो आतंकियों और उनके संगठनों को चिह्नि्त कर रहे हैं. उदाहरण के तौर पर इस्लामिक स्टेट और इसी तरह के कई संगठनों को उन्होंने अलग-थलग किया है. अफगानिस्तान के नेतृत्व ने ड्रग्स नेटवर्क पर भी कार्रवाई की है. और वो इस पर और सख्ती करने वाले हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि वहां जो होता है उसका असर होता है.

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यूक्रेन युद्ध के बीच पुतिन का आजतक से ये खास इंटरव्यू इसलिए अहम हो जाता है क्योंकि इसमें पहली बार रूस ने ट्रंप की शांति कोशिशों को इतनी मजबूती से स्वीकारा है. पुतिन ने संकेत दिया कि मानवीय नुकसान, राजनीतिक दबाव और आर्थिक हित, ये तीनों वजहें अमेरिका को हल तलाशने पर मजबूर कर रही हैं. हालांकि बड़ी प्रगति पर अभी भी पर्दा है, लेकिन वार्ताओं ने एक संभावित नई शुरुआत की उम्मीद जरूर जगाई है.







