
युद्ध, मिलिट्री और बिजनेस... 10 हजार KM लंबी ट्रेन सेवा के पीछे पुतिन-किम का असली प्लान क्या है?
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रूस और उत्तर कोरिया के बीच 10 हजार किलोमीटर लंबे इस रूट को फिर से चालू करने का स्पष्ट मैसेज है. रूस और उत्तर कोरिया अपने संबंधों को नए स्तर पर ले जाना चाहते हैं. यह रेल रूट रूस और उत्तर कोरिया के बीच सैन्य हथियारों, गोला-बारूद, और अन्य सामग्रियों की आपूर्ति को आसान और तेज बनाएगा. सैटेलाइट इमेजरी से पता चला है कि उत्तर कोरिया पहले ही रूस को गोला-बारूद और हथियार भेज रहा है.
ट्रेन की खिड़की मिनी थियेटर बन जाती है, जब आप कोहनी पर सिर टिका कर अपने आरामदायक केबिन के बाहर नजरें घुमाते हैं. दुनिया के खूबसूरत नजारे आपकी आंखों के सामने तैरते हैं और ये सीन हर 10 मिनट पर बदलता रहता है. ऐसी ही एक लंबी, धीमी और रोमांच से भरी ट्रेन यात्रा आपका एक बार फिर से इंतजार कर रही है.
रूस और उत्तर कोरिया के बीच 10 हजार किलोमीटर की लंबी ट्रेन यात्रा फिर से शुरू होगी. खूबसूरत घाटियों, बर्फीली वादियों , नदियों, पहाड़ों से होकर गुजरने वाली ये ट्रेन यात्रा सैलानियों को अदभुत अनुभव देगी. 10,214 किलोमीटर की ये यात्रा रूस के विशाल साइबेरियन नजारों, जंगलों, पहाड़ों और 16 प्रमुख नदियों से होकर गुजरती है. यात्री यूराल पर्वत और बैकाल झील जैसे प्राकृतिक आश्चर्यों को देख सकते हैं, जो इस यात्रा को यात्रियों विजुअल डिलाइट का एहसास कराते हैं.
आठ टाइम जोन पार करने के कारण, यात्री समय और स्थान के बदलाव का अनोखा अनुभव ले सकते हैं, जो अपने आप में एक रोमांच है.
रूस की राजधानी मॉस्को और उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग के बीच ये ट्रेन यात्रा कोरोना के दौरान बंद कर दी गई थी. लेकिन अब स्थितियां सामान्य होने पर इस यात्रा को फिर से शुरू किया जा रहा है.
भूराजनीतिक और सैन्य महत्व
हालांकि इस बार इस ट्रेन को शुरू करने का व्यापारिक से ज्यादा सैन्य महत्व है.

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