
मोदी और शी जिनपिंग की मुलाकात संबंधों को बेहतर बनाने के लिए बहुत जरूरी: चीन
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चीन ने गुरुवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच बुधवार को रूस के कजान में हुई मुलाकात 'बहुत जरूरी' है, क्योंकि वे द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाने के लिए 'जरूरी आम समझ' पर पहुंचे हैं.
चीन ने गुरुवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच बुधवार को रूस के कजान में हुई मुलाकात 'बहुत जरूरी' है, क्योंकि वे द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाने के लिए 'जरूरी आम समझ' पर पहुंचे हैं. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा, 'उन्होंने चीन-भारत संबंधों को बेहतर बनाने और विकसित करने पर महत्वपूर्ण आम समझ हासिल की और द्विपक्षीय संबंधों को विकास के रास्ते पर वापस लाने की पहल की.'
इस बैठक के परिणाम को बीजिंग किस तरह देखता है, इस बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए लिन ने कहा कि चीन द्विपक्षीय संबंधों को रणनीतिक ऊंचाई और दीर्घकालिक परिप्रेक्ष्य से देखने और संभालने के लिए भारत के साथ काम करने के लिए तैयार है.
लिन ने कहा कि चीन संचार और सहयोग को बढ़ाने, रणनीतिक आपसी विश्वास को बढ़ाने, मतभेदों को ठीक से संभालने और द्विपक्षीय संबंधों को जल्द से जल्द स्थिर विकास के रास्ते पर वापस लाने के लिए भी तैयार है.
कजान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के इतर मिले मोदी और शी ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर गश्त और पीछे हटने के भारत-चीन समझौते का सोमवार को समर्थन किया. इसके बाद, विभिन्न द्विपक्षीय वार्ता तंत्रों को एक बार फिर शुरू करने के निर्देश जारी किए गए. दरअसल, वर्ष 2020 में सैन्य झड़प से दोनों देशों के संबंधों पर प्रभाव पड़ा था.
लिन ने कहा कि 'दोनों पक्षों का मानना था कि यह बैठक रचनात्मक है और इसका बहुत महत्व है.' उन्होंने कहा, वे चीन-भारत संबंधों को रणनीतिक ऊंचाई और दीर्घकालिक परिप्रेक्ष्य से देखने और संभालने, विशिष्ट असहमतियों को समग्र संबंधों को प्रभावित करने से रोकने और बेहतर संबंध स्थापित करने के लिए सहमत हैं. उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष संचार और सहयोग को मजबूत करने, अपने विदेश मंत्रियों और अधिकारियों के बीच विभिन्न स्तरों पर बातचीत करके रणनीतिक आपसी विश्वास को बढ़ाने पर सहमत हुए ताकि संबंधों को जल्द से जल्द स्थिर विकास की ओर वापस लाया जा सके.
प्रवक्ता ने कहा कि दोनों नेताओं ने 'चीन-भारत सीमा के सवाल पर विशेष प्रतिनिधि तंत्र का अच्छा उपयोग करने, सीमा क्षेत्रों में शांति और सौहार्द सुनिश्चित करने, निष्पक्ष और उचित समाधान खोजने, बहुपक्षीय मंचों पर संचार और सहयोग बढ़ाने और विकासशील देशों के साझा हितों की रक्षा करने पर भी सहमति व्यक्त की है.

जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पंद्रह साल पहले, 2010 में, हमारी साझेदारी को स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया था. पिछले ढाई दशकों में राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नेतृत्व और विजन से इस रिश्ते को लगातार आगे बढ़ाया है. हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने हमारे संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

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