
मैरिटल रेप का मामला जाएगा सुप्रीम कोर्ट, पढ़िए इस मसले पर अलग-अलग महिला एक्टिविस्ट की राय
AajTak
मैरिटल रेप का मामला पेचीदा बन गया है. यह अपराध है या नहीं इस मसले पर बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट में अहम सुनवाई हुई. लेकिन जज एकमत नहीं थे तो ये मामला अब सुप्रीम कोर्ट जाएगा.
मैरिटल रेप अपराध है या नहीं इस मामले पर बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. दरअसल, हाईकोर्ट के जज इस मुद्दे पर एकमत नहीं थे. इसलिए अब इस मामले को 3 जजों की बेंच के हवाले कर दिया गया. इसके साथ ही ये केस अब सुप्रीम कोर्ट में भी जाएगा. मैरिटल रेप पर अलग-अलग क्षेत्रों से जुड़े लोगों की अलग-अलग राय और टिप्पणी आई है. आइए जानते हैं इस मसले पर किसने क्या कहा?
जज की टिप्पणी से आहत कार्यकर्ता रत्नबोली रे ने कहा, एक कार्यकर्ता के रूप में मैं एक जज की इस टिप्पणी से आहत महसूस करती हूं. वैवाहिक बलात्कार को अपराध के रूप में स्वीकार करने के लिए लगातार और जबरदस्ती नकारना, कानूनी व्यवस्था दोहराती है कि पति के साथ यौन संबंध रखना पत्नी का कर्तव्य है.
महिला की सहमति के बिना अपराध लेखक श्रीमोई पीयू कुंडू ने कहा, यौन प्रकृति का कोई भी कार्य जिसमें महिला की निहित सहमति शामिल नहीं है, बलात्कार है. बलात्कार पर कानूनों में संशोधन किया गया है और आज अगर कोई महिला सेक्स के दौरान अपना मन बदल लेती है तो उसे बलात्कार माना जाता है. उन्होंने कहा, भारत को तुरंत वैवाहिक बलात्कार को अपराध घोषित करना चाहिए.
कुंडू ने कहा, इसे धर्म के माध्यम से न्यायोचित ठहराना, क्योंकि विवाह का एक सामाजिक और धार्मिक संदर्भ होता है और यह कहना कि पति को सेक्स करने देना पत्नी का धर्म है, बिल्कुल एक बर्बर धारणा है. महिलाओं को अपने शरीर पर स्वायत्तता होनी चाहिए और वे अपने साथ जो करना चाहती हैं, उस पर पूरी आजादी होनी चाहिए. महिलाएं आसानी से मना कर सकती हैं, अगर उन्हें लगता है कि वे शारीरिक सुख जैसा कुछ नहीं भोग पार रही हैं.
वैवाहिक बलात्कार के अपवाद को मनमाने ढंग से लाया गया सुप्रीम कोर्ट की वकील शिवानी लूथरा ने कहा, सहमति के अभाव में किसी अजनबी द्वारा बलात्कार एक अपराध है, तो यह उस पति के साथ भी अपराध होना चाहिए जहां सहमति न हो. इसका दुरुपयोग कैसे रोका जा सकता है यह एक अन्य पहलू है. दुरुपयोग की आशंका अपराध को वैध बनाने का आधार नहीं हो सकती है. वैवाहिक बलात्कार के अपवाद को मनमाने ढंग से प्रकट किया गया है. क्योंकि यह एक घृणित अपराध को अपराध से मुक्त करना चाहता है और एक व्यक्ति की गरिमा और अखंडता के उल्लंघन की अनदेखी करता है. अब समय आ गया है कि "सहमति" की अवधारणा को समाज में समाहित किया जाए.
सुप्रीम कोर्ट करे न्याय सुप्रीम कोर्ट की वकील तान्या अग्रवाल ने कहा, वैवाहिक बलात्कार पर अंतिम मुद्दे पर फैसला सुप्रीम कोर्ट को करना होगा. न्यायमूर्ति द्वारा लिया गया यह विचार कि लैंगिक तटस्थ यौन अपराध कानूनों को विधायिका द्वारा बनाए जाने की आवश्यकता है, निर्णय का सबसे प्रगतिशील हिस्सा है.

राष्ट्रपति पुतिन ने राजघाट पहुंचकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी. इस दौरान उनकी गरिमामय उपस्थिति के साथ राष्ट्रपति भवन में उनका औपचारिक स्वागत किया गया और उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया गया. यह मुलाकात दो देशों के बीच रिश्तों की मजबूती को दर्शाने वाली थी. पुतिन ने महात्मा गांधी के आदर्शों का सम्मान करते हुए भारत की संस्कृति और इतिहास को सराहा. इस अवसर पर राजघाट की शांतिपूर्ण और पावन वायु ने सभी को प्रेरित किया.

पानीपत कांड में आरोपी पूनम के पति नवीन ने कहा कि बच्चों को जैसे पानी में तड़पाकर मारा गया, वैसे ही उसकी पत्नी को भी कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए. उसने किसी भी तांत्रिक कनेक्शन से इनकार किया. वहीं, पूनम की मां सुनीता देवी ने कहा कि बेटी शादी से पहले बिल्कुल सामान्य थी और कभी किसी बच्चे को नुकसान नहीं पहुंचाया. उन्होंने स्वीकारा कि यदि उसने यह अपराध किया है तो उसे उसकी सजा जरूर मिलनी चाहिए.

माधव राव ने कुछ स्वयंसेवकों को मुस्लिम पहचान देकर विभाजित पंजाब के शहरों में मुस्लिम लीग के प्रभाव वाले क्षेत्रों में तैनात कर दिया. ये लोग बताते थे कि कैसे पूरी तैयारी के साथ मुस्लिम लीग के लोग हिंदू बाहुल्य इलाकों की रिपोर्ट तैयार करते हैं, और फिर हमला करते थे. RSS के 100 सालों के सफर की 100 कहानियों की कड़ी में आज पेश है उसी घटना का वर्णन.

पिछले दो दिनों से इंडिगो की उड़ानों में भारी रद्द होंगे देखे गए हैं. इस वजह से DGCA ने 4 दिसंबर को इंडिगो के अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की है. 3 और 4 दिसंबर को लगभग 250 से 300 फ्लाइट्स रद्द हो चुकी हैं, जिससे यात्री प्रभावित हुए हैं. DGCA का मकसद इंडिगो के कामकाज में सुधार लाना और यात्रियों की असुविधा को कम करना है.

शिवसेना UBT सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा है कि मंत्री राम मोहन नायडू को इंडिगो संकट को लेकर संसद में स्पष्ट जानकारी देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय को इंडिगो पर उचित कार्रवाई करनी चाहिए क्योंकि इंडिगो ने यात्रियों को काफी परेशानी में डाला है. प्रियंका चतुर्वेदी ने यह भी कहा कि इंडिगो के पास नियमों में हुए बदलावों की पूरी जानकारी थी, लेकिन इसके बावजूद यात्रियों को असुविधा हुई.








