
मुरादाबाद सीट को लेकर सपा में 'महासंग्राम', आजम के सामने बैकफुट पर क्यों आए अखिलेश यादव
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अखिलेश यादव और आजम खान की आपसी लड़ाई अब सतह पर आ गई है. आजम खान चाहते थे कि अखिलेश रामपुर सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ें. मुरादाबाद सीट पर भी वह एसटी हसन की जगह अपने समर्थक उम्मीदवार को चुनाव लड़ाना चाहते थे, जिसपर अखिलेश को झुकना पड़ा है. अब आइए समझते हैं कि आखिर आजम खान के नाराजगी की वजह क्या है?
आगामी लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव और आजम खान के बीच ठन गई है. आजम खान की तरफ से एक चिट्ठी भी आई जिसके बाद सियासी गर्मी बढ़ गई. बात यहां तक पहुंच गई कि सपा को मुरादाबाद सीट पर उम्मीदवार बदलना पड़ा. यहां एसटी हसन ने अपना नामांकन भी दाखिल कर लिया था लेकिन उनकी जगह आजम खेमे से रुचि वीरा को उम्मीदवार बनाया गया है.
मुरादाबाद से मौजूदा सांसद एसटी हसन को अपने नामांकन के बाद अपनी उम्मीदवारी वापस लेनी पड़ी है. आजम खान ने अखिलेश पर मुरादाबाद से एसटी हसन को हटाकर रुचि वीरा को टिकट देने का दबाव बनाया था. अखिलेश यादव ज्यादा देर तक आजम खान का दबाव नहीं झेल पाए. मंगलवार रात होते-होते उन्होंने एसटी हसन का टिकट काट दिया. आजम खान की चहेती पूर्व विधायक रुचि वीरा को मुरादाबाद से लोकसभा का टिकट दे दिया.
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सियासी तौर पर टूटने वालों में नहीं आजम खान!
आजम खान ने सीतापुर जेल में बैठे-बैठे यह दिखा दिया कि बेशक वह कमजोर हो गए हों लेकिन सियासी तौर पर वह टूटने वाले नहीं हैं. पहले अखिलेश को जेल में बुलाकर और फिर मुरादाबाद के सांसद एसटी हसन का नामांकन के बाद टिकट कटवा कर आजम ने अपनी ताकत का एहसास करा दिया.
हालांकि, आजम खान के इस फैसले का विरोध मुरादाबाद में शुरू हो गया और एसटी हसन के टिकट काटे जाने के बाद समाजवादी पार्टी का एक तबका आजम खान के विरोध में भी उतर आया है.

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